जनपद महोबा का रहने वाला प्रांतीय रक्षक दल पीआरडी का जवान ड्यूटी जाते समय मौके पर ही मौत हो गई
(रिपोर्ट सोनिका केशरवानी) ना जाने कितने पीआरडी जवान देश की सेवा करते करते अपने परिवार को दूसरे के सहारे छोड़ कर चले गए मगर उन परिवारों के लिए विभाग के द्वारा ना ही किसी प्रकार का बीमा और ना ही विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार का ₹1 की सहायता पीआरडी के जवान को नहीं दी जाती है जिससे सरकार से मेरा यह अनुरोध है जिस तरीके से ट्रैफिक सिपाही के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चौराहों वाह थानों में सिपाहियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर 8 घंटे की सेवा करता है लोकसभा या विधानसभा के चुनाव पर भी प्रांतीय रक्षक दल पीआरडी के जवानों का अहम भूमिका निभाते हैं मगर उनके साथ आखिर इतना भेदभाव क्यों किया जा रहा है क्या पीआरडी के जवान पास परिवार से कोई नाता नहीं है क्या क्या उनके बीवी बच्चे मां बाप नहीं है परिवार का इकलौता चिराग पीआरडी का जवान शहीद हो जाता है मगर उनके परिवारों के लिए किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी जाती है मैं माननीय मुख्यमंत्री जी आदित्यनाथ योगी जी से कहना चाहूंगा की 75 जनपद के पीआरडी जवानों का दैनिक भत्ता ₹375 मिलता है मगर फिर भी अपनी जान की फिक्र ना कर के देश की सेवा में लगा रहता है और कहने के पहले मैं 75 जनपद के पीआरडी जवानों से हार्दिक अभिनंदन करता हूं प्रांतीय रक्षक दल पीआरडी के जवानों के भी परिवार के विषय में सोचा जाए जिससे उनके परिवार का अच्छी तरह से निर्वाह हो सके जय हिंद जय भारत