समृद्ध भारत स्वच्छ भारत का सपना चित्रकूट के इस गांव में हुआ तार - तार
(वेद प्रकाश शुक्ला) भारत वर्ष में अधिकांश आबादी गांवों में ही बसी है । ये गांव ही भारत को समृद्ध बनाने में सहायक होगें , भारत को उचाईयों की बुलंदी में पहुंचने के लिए गावों का समग्र विकास अनिवार्य है। मगर दुख की बात है कि बुंदेलखंड के अन्तर्गत चित्रकूट का पा ठा क्षेत्र आज भी समग्र विकास से अछूता है , शासन द्वारा कई योजनाएं बनाई गई ,और योजनाएं आकर चली भी गई मगर गांव का हाल ज्यों का त्यों बना हुआ है। जब केंद्र की मोदी सरकार ने सम्पूर्ण भारत भूमि को स्वच्छ बनाने का बेड़ा उठाया । सरकार ने स्वच्छ भारत का सपना संजोया , गांवों - गांवों में स्वच्छता लाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन योजना की शुआत की कई हजार करोड़ रुपए आवंटित हुए , जिसके बाद से ग्रामीणों के चेहरों में मुस्कान आई , जिन लोगों के यहां सौचालय नहीं थे उनको आर्थिक सहायता के रूप में 12000 रुपए की धन राशि दी गई मगर मऊ ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत सेमरा व गोइया कला में यह सपना सिर्फ दुर्लभ तस्वीर बनकर ही रह गई । ग्राम प्रधान के इशारे पर सचिवों ने खूब धन का बंदर बांट किया । धन के बंदर बांट के लिए आवास योजना, सौचालय निर्माण, खडंजा निर्माण योजनाएं ही काफी है । ग्राम पंचायत सेमरा के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व सचिव के विकास कार्यों की पोल खोल कर रख दी। ग्राम पंचायत के निवासी ओम नारायण, सविता देवी, बाबूजी पुत्र चोपई , समेत कई लोगों ने शासन के स्कीम से बंचित होने की बात बताई , सेमरा निवासिनी उषा देवी पत्नी राम लाल में बताया कि उसके घर ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा 2018 में सौचालय का डिब्बा बनवा दिया गया है मगर 2 वर्ष बीतने के बाद भी आज तक गढढा , व सीट नहीं बैठाली गई ग्राम प्रधान द्वारा 12000 रुपए ले लिए गए उसके बाद से आज तक सुध लेने वाला कोई नहीं , गोईया कला की स्थिति भी बड़ी दुखद है वहां भी कई पात्र लोगों को सौचालय व अन्य सरकारी सुविधाओं से अभी तक वंचित रखा गया है सौचालय के डिब्बे का निर्माण इस ग्राम पंचायत में भी कराया गया मगर गढ्ढा नहीं बना गॉइया कला के लालू प्रसाद पुत्र श्यामलाल , श्याम कली पत्नी राजुल ने बताया कि हमारे यहां बने सौचालयों में गढ्ढे ग्राम प्रधान द्वारा नहीं बनवाए गए साथ ही गोशाला में किए गए काम की मजदूरी का पैसा भी नहीं दिया गया। मांगने पर प्रधान पति द्वारा दबंगई से डरा कर भगा दिया जाता है । आखिर कार जब सरकार डायरेक्ट लाभार्थी के खाते में पैसा देती है तो , ये बिचोलिए किस तरह गरीब जनता का शासन करते हैं ये सोचने पर मजबूर करने वाला विषय है । ग्राम प्रधान द्वारा किस माध्यम से आम जनता का पैसा निकाला गया । दोनों ग्राम पंचायत सेमरा व गोईय कला की जनता ने शासन प्रशासन व सूबे की योगी सरकार से राज्य स्तरीय TAC जांच की मांग की है ।