लखनऊ जिलाधिकारी के आवास के सामने पार्किंग में छापामारी के दौरान 72 लग्जरी गाड़ियां जिन पर दूसरे प्रदेशों की नंबर प्लेट लगी लावारिस खड़ी मिली, पुलिस ने जांच शुरू की
पार्किंग में 72 लग्जरी कारें लावारिस मिलीं लखनऊ डीएम के आवास के सामने है पार्किंग
गाड़ियों पर दिल्ली व पंजाब की नंबर प्लेट लगी हैं।
लखनऊ
लखनऊ जिलाधिकारी के आवास के ठीक सामने स्थित एलडीए की सरोजनी नायडू अंडरग्राउंड पार्किंग में एलडीए टीम ने संयुक्त सचिव के नेतृत्व में पार्किग पर बुधवार दोपहर लगभग 12:30 बजे छापा मारकर खुलासा किया। ज्यादातर गाड़ियों में दिल्ली, पंजाब और नोएडा की नंबर प्लेट लगी हैं। सूचना पर क्राइम ब्रांच की एक टीम भी तुरंत मौके पर पहुंची।
इस दौरान छोटा हाथी, ट्रैक्टर समेत कुल 72 गाड़ियां मिली जिनमें मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, ऑडी, जीप तथा स्कोडा जैसी गाड़ियां भी शामिल हैं। पार्किंग में इन गाड़ियों का कोई भी रिकार्ड नहीं है. ना ही इन्हें कोई पास जारी किया गया है।
संयुक्त सचिव सुहास ने कहा कि इसमें कई गाड़ियां ऐसी मिली हैं जिनके नंबर व चेचिस नंबर अलग-अलग हैं. कई गाड़ियां चोरी की चोरी की होने की आशंका है, उन्होंने कहा कि अब यह जांच का विषय है. लिहाजा गाड़ियों का पूरा विवरण पुलिस को भेज दिया गया है. इन सब में एलडीए के अधिकारियों व कर्मचारियों के भी शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता. साथ ही उनकी भूमिका की जांच की जा रही है.
फिलहाल मामले की जांच के लिए एलडीए ने पार्किंग के पुराने ठेकेदार मुनव्वर को पूछताछ के लिए तलब किया है। एलडीए ने पिछले साल ही सरोजनी नायडू पार्किंग का टेंडर किया था। इसका ठेका मुनव्वर को मिला था, लेकिन इस साल 15 सितंबर को एलडीए ने पार्किंग अपने नियंत्रण में ले ली।
एलडीए की नायब तहसीलदार स्निग्धा चतुर्वेदी ने पार्किंग का निरीक्षण किया तो अलग अलग प्रदेशों के नंबरों वाली नई गाड़ियां देखकर उन्हें कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई। उन्होंने संयुक्त सचिव ऋतु सुहास को इसकी रिपोर्ट दी। इसके बाद संयुक्त सचिव ने बुधवार को पार्किग में छापा मारा।
जांच के दौरान संयुक्त सचिव ने गाड़ियों का मासिक पास और टोकन मांगा तो कर्मचारियों ने रजिस्टर तलाशना शुरू किया। रजिस्टर देखने पर पता चला कि इन गाड़ियों का न तो मासिक पास जारी हुआ था, न ही टोकन ही कटा था। कर्मचारियों ने बताया कि ये गाड़ियां 15 सितंबर से पहले से खड़ी हैं।
उस वक्त पार्किंग का संचालन ठेकेदार मुनव्वर के पास था। ठेका खत्म होने के बाद उसने चार्ज छोड़ दिया, लेकिन खड़ी गाड़ियों का ब्योरा नहीं दिया। ऐसे में पार्किंग में कार बाजार चलने या चोरी की गाड़ियां खड़ी होने की भी आशंका जताई जा रही है।
एलडीए संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने कहा, 'एलडीए ने 15 सितंबर को पार्किंग का चार्ज लिया। उससे पहले से ये गाड़ियां खड़ी हैं। इन्हें संदिग्ध मानते हुए जांच की जा रही है। पुराने ठेकेदार को बयान के लिए तलब किया गया है।'
कुछ साल पहले भी इसी तरह की घटना इसी पार्किंग में हो चुकी है।
फरवरी 2016 में भी सरोजनी नायडू भूमिगत पार्किंग में 50 से ज्यादा लावारिस लग्जरी गाड़ियां खड़ी मिली थीं। उस वक्त ट्रैफिक पुलिस की जांच में यहां कार बाजार चलाने का खुलासा हुआ था।