*चंद्रवती की लोकप्रियता को देखते हुए सभी सकते में*
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*रघुवीर प्रसाद की रिपोर्ट*
राठ(हमीरपुर):–जैसे जैसे विधान सभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है, वैसे वैसे सभी राजनैतिक दलों ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। पिछले सप्ताह देश के प्रधानमंत्री ने महोबा रैली करके बुन्देलखण्ड में चुनावी अभियान की शुरूआत कर दी है तभी से सभी राजनैतिक दलों ने बुंदेलखंड मै अपनी जमीन तलाशना शुरू कर दिया है। बताते चले कि अभी हाल ही में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी बुन्देलखण्ड दौर पर है। वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी महोबा आ रहे है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी इस बार जिताऊ प्रत्याशी पर दांव लगाना चाहती है। बुन्देलखण्ड मै महरौनी , गरोठा, चरखारी, नरेनी, राठ, बबीना, लोधी बाहुल्य सीटें है, जहा लोधी मतदाता निर्णायक भूमिका में है। इस बार सभी राजनीतिक पार्टियां लोधियों को रिझाने मै लगी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी का लोधी मतदाता मूल वोट माना जाता है, परन्तु इनको भारतीय जनता पार्टी में उचित स्थान एवं प्रतिनिधत्व ना मिलने से इस बार लोधी मतदाता अपने को ठगा महसूस कर रहा है। बुन्देलखण्ड मालवीय कहे जाने वाले संत शिरोमणी परम पूज्य स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज की कर्मभूमि राठ एवं जन्म भूमि बरहरा रही है और समाज उनको अपना रोलमॉडल मानता है। इस समय पूरा देश का लोधी समाज स्वामी जी के जन्म दिवस 4 दिसंबर की तैयारियों मै लगा हुआ है। यही कारण है कि सभी राजनैतिक दलों की नजर 4 दिसंबर के कार्यक्रम पर है। इस बार इस विधानसभा चुनाव में बुन्देलखण्ड में राठ विधानसभा मै नया प्रयोग करने का मन बनाया है। जिससे सभी पार्टियों को अपनी ताकत का अहसास कराया जा सके, इस विधानसभा मै मनीषा अनुरागी को प्रदेश में दूसरे नंबर की जीत लोधी समाज ने दिलाई थी। इसके पूर्व भी कांग्रेस के गयादीन अनुरागी को रातों रात जीत दिलाई थी। इस बार इस 229 विधानसभा में लोधी चंद्रवती वर्मा का नाम लोधियों की पहली पसंद बनता जा रहा है। इसके पीछे की वजह लोधियों मै अनुरागी समाज के प्रति नाराजगी भी वजह मानी जा रही है। चंद्रवती वर्मा एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती है। और उन्होने हेमंत राजपूत से शादी की है। जिसकी वजह से लोधियों की पहली पसंद चंद्रवती बनती जा रही है। पूरे विधानसभा 229 मै एक ही चर्चा है, अब देखना ये होगा कि किस पार्टी से इनको उम्मीदवार बनाया जा रहा है। फिलहाल देखना ये होगा कि लोधी मतदाताओं का ये प्रयोग कितना सफल होता है। ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। लेकिन युवाओं की भारी संख्या उनके समर्थन में नजर आ रही है। लेकिन अहिरवार मतदाताओं की संख्या एक लाख के लगभग और लोधी मतदाताओं की संख्या एक लाख पच्चीस हजार होने से ये प्रयोग वर्तमान विधायक पर भारी पड़ता नजर आ रहा है।