बेसिक शिक्षा कल्याण समिति ने किया बैठक का आयोजन
पीलीभीत
जनपद पीलीभीत के में बेसिक शिक्षा कल्याण समिति पीलीभीत की महत्वपूर्ण बैठक एच.एम.पी.जूनियर हाईस्कूल रुपपुर कृपा में सर्वेश पाठक प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक का संचालन प्रदेश सचिव राजेश पटेल प्रबंधक एस.जे.के.ज्ञान स्थली सुहास, पीलीभीत ने किया। बैठक में मुख्य अतिथि के रुप में सर्वेश पाठक प्रदेश अध्यक्ष बेसिक शिक्षा कल्याण समिति उत्तर प्रदेश उपस्थित रहे।
बैठक को सम्बोधित करते हुए सर्वेश पाठक ने कहा कि बेसिक शिक्षा कल्याण समिति प्राइवेट स्कूलों का एक संगठन हैं जो प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं के लिए संघर्षरत हैं।जो समय समय पर स्कूल संचालकों और शिक्षकों की समस्याओं को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों व सरकार के शिक्षा संबंधित मंत्रियों को ज्ञापन देकर और मिलकर अवगत कराने का काम बेसिक शिक्षा कल्याण समिति द्वारा किया जाता रहा है।बेसिक शिक्षा कल्याण समिति आपको भरोसा दिलाती है कि किसी भी विद्यालय साथी का किसी भी तरह का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगी। आपकी एक आवाज पर आपके हर स्कूली मद्दों पर आपके साथ कंधे से कंधा मिला कर तब तक संघर्ष करेगी जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता है।
आगे श्री पाठक ने कहा कि सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार एक समानता की नजर से देखें। किसी तरह का भेदभाव न करें। समिति सरकार से मांग करती है कि प्राइवेट स्कूलों में पड़ने वाले बच्चों को किताबों और यूनीफार्म के लिए बच्चों के अभिवावकों के खाते में धन उपलब्ध कराये। जब सरकार सरकारी स्कूलों में पड़ने वाले बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं तो प्राइवेट स्कूलों में पड़ने वाले बच्चों को भी किताबें और ड्रेस को मोहय्या कराये।सरकार हम प्राइवेट स्कूलों को हीन भावना से देखना बंद करें।सरकारी स्कूलों में पड़ने वाले बच्चे भारत के नागरिक हैं, तो प्राइवेट स्कूलों में पड़ने वाले बच्चे क्या देश के नागरिक नहीं है।बच्चों के साथ सरकार भेदभाव का खेल बंद करें।आगे पाठक जी ने कहा कि जिस दिन देश का हर नागरिक शिक्षित हो जायेगा।उस दिन भारत विश्व गुरु हो जायेगा।सरकार का भेद भाव भी ऐसा हैं जैसे समाज में पुत्र और पुत्री के बीच करता है।पढ़ें बेटियां--बढ़े बेटियां का नारा सरकार का तभी सही सिद्ध होगा,जब हर घर शिक्षा के दीपक से रोशन होगा।
देश में कोविड-19 जैसे हालातों में सरकार प्राइवेट स्कूलों के स्टाफ को भी कुछ सुविधा उपलब्ध कराये जिससे उन्हें भुकमरी जैसे समस्याओं से न निपटना पड़े। सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले बीटीसी और डीएल एड व नान बीटीसी, डीएल एड वाले शिक्षा ग्रहण करने में सक्षम हैं तो प्राइवेट स्कूलों में बी.एड अनिवार्यता क्यों।जबकि प्राइवेट स्कूलों का भारत की साक्षरता दर बढ़ाने और देश को मेधावी छात्रों को देने में सबसे बड़ा योगदान दिया है। फिर भी सरकार और सरकारी मशीनरी अपराधियों की नजर की तरह क्यों देखती है।सरकार यह नजरिया बदले प्राइवेट स्कूलों के संचालकों और स्टाफ को भी सम्मान की नजरों से देखें।भारत में बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूल सरकार को नि:स्वर्थ भाव से सेवा प्रदान करते हैं।समिति सरकार से मांग करती हैं कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और स्टाफ के लिए कोई पहल करें।जिससे देश की शिक्षा व्यवस्था और मजबूत हो तथा जैसे सरकार सरकारी स्कूलों की विल्डिंग रखरखाव और रंगाई पुताई ,फर्नीचर आदि पर प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्चा करती हैं उसी तरह प्राइवेट स्कूलों को फर्नीचर, बिल्डिंग मरम्मत के लिए कोई कोष निर्धारित कर मदद करने के लिए प्रयास करें।आगे पाठक ने कहा कुछ विद्यालय संचालक साथी फर्जी टीसी जारी करने की घटनाएं सामने आ ही हैं। विद्यालय में शिक्षा ग्रहण न करनेवाले किसी भी छात्र को टीसी जारी न करें।अगर जाँच करने पर समिति फर्जी टीसी जारी करने वाले स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कराने का कार्य करेगी।
बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष बालेदीन पाल जी ने कहा कि अधिक से अधिक स्कूल संचालक मंडल बेसिक शिक्षा कल्याण समिति की सदस्यता ग्रहण करें।जिससे समिति मजबूत हो और जब हम सभी विद्यालयों को एक मंच पर एकजुटता का परिचय देगें तो हम सभी समस्याओं का समाना बहुत आसानी से कर सकते हैं।सभी साथी आज यह सौगंध ले कि हम सभी लोग तन,मन,थन,से समिति के हर समय तैयार रहेंगे।हर युग में गुरुओं का सम्मान हुआ है आप इतिहास उठा कर देख ले।हम लोग भी एक गुरु की तरह आचरण अपनाने का नियम बनाए।जिससे कहीं भी हमारा अनादर न किया जाये।शिक्षा का मंदिर सभी धर्मों के मंदिरों में महान हैं।हम लोगों के द्वारा शिक्षा ग्रहण कर बच्चे बडे़ हो कर कोई डाक्टर, मास्टर, वकील, सिपाही, फौजी, आई.ए.एस.,पी.सी.एस इंजीनियरिंग और किसान बन कर देश की सेवा करते हैं।देश को गौरवशाली इतिहास बनाने में गुरुओं का बहुत बड़ा योगदान हमेशा रहा हैं और आगे भी रहेगा।आगे श्री पटेल ने कहा कि सरकार और सरकारी अधिकारी किसी भी प्राइवेट स्कूल के संचालक, अध्यापक या न किसी स्टाफ का अगर किसी तरह का शोषण करते हैं तो बेसिक शिक्षा कल्याण समिति उसका मुंह तोड़ जबाब देगी।अपने किसी साथी का शोषण बर्दाश्त नही करेगी।सरकार स्कूलों के मानकों पर भी लचीला पन अपनाएं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूर दराज न जाना पड़े।
जिसमें सबसे अधिक समस्या हमारी ग्रामीण बेटियों को होता हैं।दूर दराज की समस्या से हमारी बहुत सी बेटियां उच्च शिक्षा से बंचित रह जाती हैं।क्षेत्र के गरीब परिवार के बच्चों के लिए सरकार द्वारा RTE के तहत हर प्राइवेट स्कूल में 25% कोटा निशुल्क देने के लिए सरकार ने आरक्षित किया है।उसका हम सभी स्कूल संचालक मंडल सरकार का आभार प्रकट करते हैं।मगर हमारे स्कूलों को शुल्क पूर्ति सरकार एक मुश्त और जल्द करें।जिससे हम सभी स्कूल संचालन में दिक्कत न हो।समिति हर गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षित करने के लिए द्रणसंकलपित हैं।सरकार के आदेशों का हबाला देते हुए विद्यालय संचालकों को नोटिस जारी करने का काम करते हैं।सरकार और प्रशासनिक अधिकारी विद्यालयों का उत्पीड़न बंद करें। RTE के तहत प्रेषित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति एक मुश्त विद्यालय के खातों तत्काल भेजने का कृष्ट करें नहीं समिति आपके खिलाफ आलदोलंन करने को मजबूर होगी।जिले के शिक्षा अधिकारी आमान्य विद्यालयों का संचालन बंद न करके ,मान्यता प्राप्त विद्यालयो को नोटिस देकर शिक्षा विभाग इतिश्री कर रहे हैं।
बैठक को मोहम्मद फैयाज प्रदेश कोषाध्यक्ष, विवेक सक्सेना जिला अध्यक्ष बरेली, सचिन सक्सेना जिला अध्यक्ष पीलीभीत, रामदास गंगवारजिला उपाध्यक्ष,जिलामहासचिव किशन लाल मौर्य,जंगवहादुर पटेल जिला संरक्षक कुर्मी महासभा, क्षत्रपाल भारती, अदील अहमद ,रामानन्द वर्मा, संजय सरकार, मोहम्मद तौफीक, हरीश कुमार, शिव शंकर, शंकर मंडल, भवतोष कुमार, प्रवीन कुमार, महेश कुमार, देवेंद्र कुमार, आयोध्या प्रसाद, राममूर्ति वर्मा, यज्ञदेव मौर्य, कामता प्रसाद मौर्य, विश्वजीत राय, देवेश यादव, ईश्वरी प्रसाद प्रजापति, प्रेमशंकर वर्मा आदि कई साथियों ने बैठक का संबोधित किया।