शिव रात्रि के पावन पर्व पर शिव जी पर जल चढ़ाने वाले कांवड़ियों की बम बम भोले से गुंजायमान हुए शिव मंदिर।
शिव रात्रि के पावन पर्व पर शिव जी पर जल चढ़ाने वाले कांवड़ियों की बम बम भोले से गुंजायमान हुए शिव मंदिर।
बिजनौर
गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी शिव भक्तों ने श्रद्धापूर्वक हरिद्वार से गंगा जल भरकर शिव जी को चढ़ने वाली कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जा रहा हैं।
8 मार्च को शिव रात्रि का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
शिव भक्तों द्वारा कांवड़ द्वारा लाया गया जल 7 मार्च की रात्रि 12 बजे के बाद ही चढ़ना शुरू हो जायेगा। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय जो नवरत्न निकले थे उनमें एक हला-हल विष भी था जो देवताओं के हिस्से में आया। विष्णु भगवान उसके प्रभाव से श्याम वर्ण के हो गए और उनका नाम श्याम सुन्दर हो गया।जब शंकर भगवान ने उसे ग्रहण किया तो पार्वती ने उन्हें रोक दिया और वह विष उनके गले में ही रह गया जिससे उनका नया नाम नीलकंठ महादेव हो गया।उस विष को ठंडा करने के लिए देवताओं ने कलश भर भर कर शिव पर जल चढ़ाया।
जब से ही सभी शिव भक्त शिव पर जल चढ़ाते हैं। और शिव भक्त तरह तरह के कलश यात्रा और कांवड़ यात्रा हरिद्वार से लेकर सड़कों पर खुशियां मनाते हुए अपनी यात्रा पूरी करते हैं। बहुत से लोग बैड बाजे और डीजे बजाकर खुशी मनाते हुए अपनी यात्रा पूरी करते हैं और शिव रात्रि पर शिव पर कांवड़ का जल चढ़ाते हैं।
यह जल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शिव भक्तों के द्वारा लाया गया जल चढ़ाया जाता है।