पाकिस्तान का फेल हुआ 'मिशन कश्मीर' , युवाओं ने आतंकी संगठनों से बनाई दूरी, बदलाव की ओर आम जनता, सेना के ऑपरेशन ऑल आउट की तेजी से भय में आतंकी।
पाकिस्तान का फेल हुआ 'मिशन कश्मीर' , युवाओं ने आतंकी संगठनों से बनाई दूरी, बदलाव की ओर आम जनता।
सेना के ऑपरेशन ऑल आउट की तेजी से भय में आतंकी।
जम्मू-कश्मीर । बीते सालों में जम्मू-कश्मीर में बड़ा बदलाव देखने को मिला जहां कभी घर - घर आतंकी संगठनों से लोग जुड़े थे अब के वहां युवा अपने भविष्य को संवारने में जुटे हैं।
उधर सेना भी आतंकवादियों के ऊपर काल बनकर टूट पड़ी लगातार आपरेशन चलाया जा रहा है जो भी आतंकी घाटी में थें उनका लगभग सफाया हो गया और घुसपैठ के रास्ते बंद हो जाने आतंकवादियों पर नकेल कस दी गई।
अब जम्मू-कश्मीर के युवा आतंकी संगठनों से दूरी बना रहे हैं। सूत्रों की माने तो इस साल अब तक सिर्फ 2 लोगों के आतंकी संगठनों में शामिल होने की खबर है। जम्मू और कश्मीर में सेना द्वारा चलाया जा रहा ऑपरेशन ऑल आउट जारी है जिसमें इस साल अब तक कुल 61 आतंकियों को मार गिराया गया है, जिनमें से 21 आतंकी पाकिस्तानी थे।
दरअसल भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए योजनाएं बनाई हैं जिससे धारा 370 में बदलाव होने के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा बदलाव यह देखा गया है कि कश्मीरी युवा अब आतंकी गतिविधियों से दूर हो जा रहा हैं।
जो युवा पहले आतंकवाद का रास्ता चुनते थे, अब वहीं युवा रोजगार में व्यस्त हो गए हैं, पत्थरबाजी करने वाले लोग भी अब नहीं बचे हैं। युवा रोजगार और अपने भविष्य की योजनाएं बनाने में रुचि ले रहे हैं। इस बड़े बदलाव ने पाकिस्तान की मिशन कश्मीर को बड़ी मुश्किलें में डाल दिया हैं। अब पाकिस्तानी आतंकी कश्मीरी युवाओं को बरगलाने में नाकाम हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस साल 2024 में अब तक केवल 2 कश्मीरी युवाओं के आतंकी संगठनों में शामिल होने की खबर मिल रही है। पिछले कई सालों में जहां यह संख्या तीन अंकों में हुआ करती थी, अब यह सिंगल डिजिट में सिमट कर रहा गई है। पिछले कुछ साल के आंकड़ों पर नज़र डालें तो देखने को मिलता है कि लगातार युवा आतंकी संगठनों में शामिल नहीं हो रहें हैं तह संख्या साल दर साल घटती जा रही है। 2020 में 191, 2021 में 149 और 2022 में 121 युवाओं ने आतंकी संगठनों को ज्वाइन किया था. लगातार गिरते भर्ती ग्राफ से यह साफ है कि केंद्र सरकार की नीतियों से अब आम कश्मीरी भी सहमत हो रही हैं।
जम्मू कश्मीर में अब स्थानीय आतंकियों से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं और अपने साथियों की लाशें गिरते देख रहे हैं सेना की कार्यवाही ने आतंकी संगठनों में भय बैठा दिया है कि यदि कोई घटना अंजाम दी तो सेना खोजकर मार गिराएगी ।
एक अनुमान के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में इस समय 250 से 300 आतंकी मौजूद हैं, जिनमें पाकिस्तानी और स्थानीय दोनों शामिल हैं. लेकिन अब स्थानीय आतंकियों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है और स्थानीय युवाओं ने आतंकी संगठनों से दूरी बनाने के संकेत दिए हैं।
बीते कुछ सालों में LOC से घुसपैठ की घटनाओं में भारी कमी आई है और सेना का ऑपरेशन ऑल आउट तेज हो गया है। जहां भी घाटी में आतंकी सक्रिय होने की कोशिश करते हैं, वहां सेना भी मोर्चा संभाल रखा है उनके सभी मंसूबों पर पानी फेर देती हैं। सेना ने बर्फबारी से पहले कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन जारी कर रखें हैं। पिछले एक हफ्ते से लगातार ऑपरेशन चल रहे हैं जिसमें कई बड़ी सफलता मिली हैं, सेना बर्फबारी से पहले सभी मोर्चों पर आतंकवादियों का सफाया करने की योजना में लगी है। सुरक्षा एजेंसियों के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक 61 आतंकियों को मार गिराया गया है, जिनमें से 21 पाकिस्तानी हैं।
जम्मू - कश्मीर में पाकिस्तान की आतंक चाल को सुरक्षाबल और स्थानीय लोग मिल कर जमींदोज़ करने में जुटे है। पहले तो घाटी में एनकाउंटर के समय लोकल ऑपरेशन को बाधित करने के लिए भीड़ जमा हो जाती थी और पत्थर बाजी करते थे। लेकिन, अब इस तरह की घटना ना के बराबर हो गई है । जिससे अहसास हो रहा है कि अब कश्मीर कि जनता में बड़े बदलाव की ओर चल पड़ी है और बदलाव की इस बयार के बहाव में पाकिस्तान के नापाक मनसूबे भी बह रहे है। इस बदलाव की बयार में युवाओं का भविष्य उज्जवल होता दिखाई दे रहा है।