बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रचा नया इतिहास, UniRank 2025 में देश में प्राप्त की 176वीं रैंक
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रचा नया इतिहास, UniRank 2025 में देश में प्राप्त की 176वीं रैंक
झांसी । बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता, शोध संवर्धन, तकनीकी दक्षता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी के दम पर एक नया इतिहास रचते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रतिष्ठित वैश्विक उच्च शिक्षा रैंकिंग मंच UniRank (University Ranking Guide) द्वारा जारी वर्ष 2025 की रैंकिंग में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को भारत के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में स्थान मिला है, जिसमें उसने देशभर में 176वां स्थान प्राप्त किया है। यह न केवल विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण है, जो यह सिद्ध करता है कि क्षेत्रीय संस्थान भी वैश्विक मानचित्र पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।
UniRank रैंकिंग प्लेटफॉर्म जो ऑस्ट्रेलिया में स्थित है और जिसे वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में एक भरोसेमंद मूल्यांकन प्रणाली के रूप में जाना जाता है, इस वर्ष 200 से अधिक देशों के 14,000 से अधिक विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन किया। भारत से लगभग 900 से अधिक विश्वविद्यालयों ने इस मूल्यांकन में भाग लिया। यह रैंकिंग प्रणाली विश्वविद्यालयों की ऑनलाइन उपस्थिति, डिजिटल प्रभाव, स्वतंत्रता, शोध गतिविधियों, शैक्षणिक कार्यक्रमों की गुणवत्ता, छात्रों की सहभागिता, और पारदर्शिता जैसे विभिन्न मानकों पर आधारित होती है।
जहां इस सूची में देश के प्रमुख तकनीकी और केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे IIT मुंबई, IIT मद्रास, IIT कानपुर, और दिल्ली विश्वविद्यालय शीर्ष स्थानों पर अग्रेषित हैं, वहीं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश के पुराने और स्थापित विश्वविद्यालयों जैसे गोरखपुर, आगरा, बरेली और फैजाबाद को पीछे छोड़ते हुए उल्लेखनीय प्रगति की है। यह तथ्य स्वयं इस बात का प्रमाण है कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़ते हुए अपने शिक्षण, अनुसंधान, नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता के क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां प्राप्त की हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के अवसर पर माननीय कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने विश्वविद्यालय परिवार को संबोधित करते हुए कहा,यह सम्मान हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता, गुणवत्तायुक्त शिक्षा, नवाचार, और उत्कृष्ट शैक्षणिक परिवेश का प्रतिफल है। यह सफलता केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि उस निरंतर परिश्रम और दृष्टिकोण का प्रमाण है, जिसे विश्वविद्यालय के प्रत्येक शिक्षक, शोधार्थी, अधिकारी और छात्र ने साझा किया है। मैं विशेष रूप से IQAC निदेशक प्रो. सुनील कुमार काबिया और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने गुणवत्ता संवर्धन की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया है। यह उपलब्धि उनके दूरदर्शी योजना, ईमानदार क्रियान्वयन और मजबूत टीम भावना की देन है।
आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के निदेशक प्रो. सुनील कुमार काबिया ने भी इस उपलब्धि को टीम भावना, संस्थागत नीति और दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “यह रैंकिंग बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के लिए केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय शिक्षा मंच पर हमारी भागीदारी का प्रमाण है। यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है। मैं इस अवसर पर सर्वप्रथम माननीय कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय का आभार व्यक्त करता हूं, जिनकी दृष्टि, समर्पण और प्रेरणा हमारे मार्गदर्शक रहे हैं। साथ ही मैं उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के मार्गदर्शन का भी विशेष धन्यवाद करता हूं, जिनके प्रेरणादायी विचारों और नीति-समर्थन ने विश्वविद्यालय को गुणवत्ता-आधारित शिक्षा के मार्ग पर अग्रसर किया।
इस रैंकिंग में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त करना न केवल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय पटल पर मजबूत करता है, बल्कि यह उस व्यापक विजन और कड़ी मेहनत को भी उजागर करता है, जो विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी शैक्षणिक और प्रशासनिक इकाइयों ने संयुक्त रूप से किया है। IQAC, शोध प्रकोष्ठ, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, परीक्षा विभाग, पुस्तकालय प्रणाली, और विभिन्न संकायों द्वारा की गई पहल ने विश्वविद्यालय को इस ऊंचाई तक पहुंचाने में विशेष भूमिका निभाई है।यह रैंकिंग इस बात का भी प्रमाण है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्गत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए सुधारात्मक प्रयास, जैसे शिक्षण में लचीलापन, क्रेडिट आधारित बहु-विषयी पाठ्यक्रम, कौशल आधारित शिक्षा, डिजिटल लर्निंग, और शोध-संवर्धन, अब अपने सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं।
विश्वविद्यालय ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी सशक्त उपस्थिति के साथ-साथ सामुदायिक सहभागिता, युवा उद्यमिता और ग्रामीण विकास में भी सक्रिय भूमिका निभाई है।इस उपलब्धि को देखते हुए यह कहना अनुचित नहीं होगा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर एक अग्रणी शैक्षणिक संस्थान के रूप में उभरेगा। इस रैंकिंग से न केवल विश्वविद्यालय की छवि को नई पहचान मिली है, बल्कि यह छात्रों, शोधार्थियों और संकाय सदस्यों के लिए भी एक नई प्रेरणा और संभावनाओं का द्वार खोलती है। यह क्षेत्रीय आकांक्षाओं और वैश्विक मानकों के संगम का उत्तम उदाहरण है।