दिल्ली में बढ़ रहे हैं कोरोना के दिन प्रतिदिन मरीज प्रशासन की लापरवाही जगजाहिर
केजरीवाल सरकार एक तरफ यह दावा करती है कि वे जनता की सेवा के लिए कृतसंकल्प है परंतु क्या सत्य में ऐसा है
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों में किट नहीं है मौजूद तथा सरकार द्वारा कुछ प्राइवेट डॉक्टरों को और क्लिनिको को भी यह जिम्मेदारी सौंप दी गई है और डॉक्टर तथा क्लीनिक मनचाहे दाम वसूल कर रहे हैं 5000 से ₹6000 प्रति मरीज चार्ज कर रहे हैं तथा स्थिति इतनी भयावह है जिन लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है वह भी घर से बाहर निकल कर घूम रहे हैं तथा रेड जोन एरिया में सब्जी बेचने वाले तथा फल बेचने वाले खुलेआम जा रहे हैं जिसमें अभी हाल ही में एक मोटरसाइकिल पर सब्जी विक्रेता पकड़ा गया है
जहां केजरीवाल सरकार द्वारा इतने अच्छे कार्य किए गए हैं वहीं पर इस लापरवाही को क्या माना जाए मरीजों को 3 स्टेज में बांटा गया है अगर किसी मरीज को पहले स्टेज में हल्की सी प्रॉब्लम है तो उसकी जांच ना करके खाली बुखार की दवाइयां दे दी जाती है जनता का क्या कहना है इस बारे में राय लेने पर जनता ने कहा कि क्या फायदा है ऐसे इलाज का तीसरे स्टेज पर जब हम अस्पताल पहुंचेंगे तब तो हम लगभग मर ही चुके होंगे
जागो दिल्ली प्रशासन जागो कब जागोगे जब दिल्ली लोगों से खाली होनी शुरु हो जाएगी