क्या विकास दुबे सरेन्डर सुनियोजित हैं?
लखनऊ के 2 वकील हिरासत में. वकील की निजी गाड़ी से उज्जैन पहुंचा था विकास दूबे. गाड़ी की नंबर प्लेट UP - 32 - KS - 1104 पर हाई कोर्ट लिखा हुआ था तो क्या खादी- खाकी और काला कोट षडयन्त्र के भागीदार हैं?
क्या कारण है कि "मैं हूं विकास दूबे कानपुर वाला" क्यों बोला मध्य प्रदेश पुलिस से विकास दूबे ने आखिर छ: दिन बाद विकास दूबे लुक्का छुपी का खेल हार गया कानपुर शूट आउट में आठ पुलिस वालों की गोली मार कर हत्या करता है और दो दिन तक कानपुर के शिवली में शरण लेता है फिर दिल्ली उसके बाद फरीदाबाद वहां से मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर पहुँचता है और महाकाल मंदिर में दर्शन करता है और वहां मंदिर के सुरक्षाकर्मी पुलिस चौकी में सूचित करता है पुलिस आती है और विकास दूबे जोर से चिल्लाता है मैं हूं विकास दूबे कानपुर वाला अब सोचने वाली बात ये है की विकास दूबे ने सरेन्डर किया है या पुलिस ने गिरफ्तार किया है ये सवाल लोगों के दिमाग में घूम रहा है की विकास दूबे यू पी पुलिस के हाथ क्यों नहीं आया यूपी पुलिस एक गैंगस्टर के सामने कमजोर क्यों पड़ गई कहीं कोई बहुत बड़ा राज तो नही था जितना मेहनत विकास दूबे के भागने के बाद भी पुलिस अगर तेजी से विकास दूबे को ढूँढती तो विकास दूबे शिवली मे ही पकड़ जाता और पांच लाख रुपए का इनाम घोषित नहीं होता सवाल ये भी है कि उज्जैन में विकास दूबे किसके लिंक से पहुंचा था उसके वकील को किसके द्वारा सेट किया गया था वो शराब कारोबारी कौन है? उज्जैन मे जिसके घर विकास दूबे ने रात गुजारी थी यू पी पुलिस नाके बंदी करने में लापरवाह थी या आठ पुलिस के हत्या पर कोई अफसोस ही नही था सवाल ये भी उठता है की विकास दूबे का घर गिरा के कोई बहुत बड़ा सबूत तो नहीं मिटा दिया गया विकास दूबे पर किस आका का हाथ है कहीं उसका तो सबूत उस घर में नहीं था। सवाल कई प्रकार के उठ रहे हैं सच क्या सामने आता है विकास दूबे के बयान से पता चलेगा !
विकास दूबे की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं।
कोरोना महामारी के अनलॉक काल में उत्तर प्रदेश पुलिस हर चौराहे पर चालान बुक लिए सरकारी वसूली में लगी हैं कोई भी गाड़ी आते ही ये चालान काटने के लिए रोक लेते हैं। अब सबसे बड़ा सवाल इन पुलिस जवानों को विकास दूबे क्यो नहीं दिखा जो उज्जैन तक गाड़ी से जा पहुचा और गाड़ी से घूम रहा था।
ये कहना सही होगा कि उसे घूमाया जा रहा था। आप और हम गाड़ी से कानपुर से उज्जैन जाने के लिए निकले तो घर के पास के पहले चौराहे पर ही रोक कर लिए जाएंगे हमारी चेकिंग शुरू हो जाएगी हर टोल टैक्स में लगे कैमरो की नजरें हम पर होंगी वहा लगे कैमरों में हमारी फोटो कैद हो जाएगी पर विकास दूबे किसी भी टोल टैक्स के कैमरो में आया ही नहीं। गायब हो कर गाड़ी में बैठा था?
जब मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दूबे को पकड़ा उसके बाद उसके हावभाव से लगा ही नहीं की वो पुलिस की गिरफ्त में हैं। बहुत आराम से सोफे में बैठा है। महमानों की तरह।
पकडने वाली अधिकारी का बयान
मंदिर की सुरक्षा अधिकारी रूबी यादव का बयान- विकास दुबे सफेद बोलेरो गाड़ी से आया था , मंदिर आने से पहले शिप्रा नदी में स्नान किया था , विकास ने बंटी नाम से शख्स को इशारा किया था , पकड़े जाने पर बंटी से वीडियो बनाने को कहा था- रूबी