लखीमपुर खीरी युवराज दत्त महाविद्यालय से डॉ अजय कुमार आगा का वक्तव्य
अभी अभी कुछ ही महीने पहले कि बात है जब साल दो हज़ार उन्नीस अपने अवसान पर था और पूरा विश्व एक नए नवेले साल दो हज़ार बीस की प्रतीक्षा कर रहा था ठीक उसी समय चीन के वुहान नामक शहर में एक नया वायरस जन्म के चुका था ( वायरस का जन्म स्वाभाविक था या चीन की माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला की दें ये एक अन्य विषय है)। डब्लू एच ओ ने इस वायरस को नाम दिया कोविड 19। ये एक म्यूटेन्ट वायरस है जो कि पूर्व में पाए जाने वाले सार्स वायरस से विकसित हुआ है। इस वायरस के ऊपरी प्रोटीन खोल पर कँगूरों जैसी रचनाएँ पायी जाति है इसलिए इसे कोरोंना वायरस कहा गया।
चीन के वुहान से निकल कर इस सूक्ष्म जीव ने छः महीनों में ही मानवों की दुनिया में तहलका मचा दिया है। आज के आँकड़े देखने पर पता चलता है की अब तक विश्व में लगभग साठ लाख मनुष्य इस बीमारी के चंगुल में फँस चुके हैं और साढ़े तीन लाख लोग काल कवलित भी हो चुके हैं।
इस छोटे से वायरस ने इस छोटे से समय में मानव जाति की बहुत सी अवधरणाओ को मटिया मेट कर दिया । आज तक सभी यूरोप के देशों को विकसित देशों की गिनती में शामिल किया जाता था लेकिन इंगलैन्ड , इटली, स्पेन आदि देशों में भयंकर रूप से फैली इस बीमारी ने और इन देशों के अस्पतालों की दुर्दशा ने उनके संसाधनों की पोल खोल दी। अमेरिका जहां के नागरिक सबसे विकसित श्रेणी में आते हैं वहाँ पर भी उन नागरिकों ने इस बीमारी को हलके में लिया और नतीजा ये हुआ की अकेले अमेरिका में लगभग सत्रह लाख पचहत्तर हज़ार लोग इससे पीड़ित हो गए और मृतकों की संख्या एक लाख के पार हो गयी।
जहां तक भारत की बात है हमारे मज़बूत नेतृत्व ने सही समय पर सही कदम उठाए और जनता ने भी भरपूर सहयोग प्रदान करते हुए बीमारी से लड़ कर दिखा दिया।भारत में इस बीमारी से मरनेवालों की संख्या अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है।
इस संक्रमण काल में हम भारतीयों ने अपने आपको घरों में बंद करके, सोशल डिस्टेनसिंग अपना कर और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर एक नए समाज का निर्माण किया है जहां हमारे नमस्कार को आज पूरा विश्व अपना चुका है और सम्पूर्ण विश्व की निगाहें भारत को एक उभरते हुए विश्वगुरु के रूप में देख रहा है ।
डॉ अजय कुमार आग़ा
पूर्वमंडलाध्यक्ष रोटरी अंतर्रष्ट्रिय मण्डल ३१२०
विभागाध्यक्ष जंतु विज्ञान विभाग
युवराज दत्त महाविध्यालय
लखीमपुर खीरी