*ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन के द्वारा अमर शहीद भगत सिंह जी की 113 वीं जयंती 28/09/2020 को उनके क्रांतिकारी जीवन को याद करते हुए " मजदूर अधिकार दिवस " मनाकर केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों की निंदा की गई*
*ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन के द्वारा अमर शहीद भगत सिंह जी की 113 वीं जयंती 28/09/2020 को उनके क्रांतिकारी जीवन को याद करते हुए " मजदूर अधिकार दिवस " मनाकर केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों की निंदा की गई*
आज दिनाँक 28/09/2020 को अमर शहीद भगत सिंह जी की 113 वीं जयंती के अवसर पर ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन के कार्यकर्ताओं के द्वारा उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके क्रांतिकारी जीवन पर परिचर्चा करते हुए आज के दिन को "मजदूर अधिकार दिवस" के रूप में मनाया गया।जयंती-समारोह सह मजदूर अधिकार दिवस पर कई वक्ताओं के द्वारा आज के परिस्थिति पर मजदूरों के हक़ और अधिकार के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाने की बात कही गयी।समारोह की अध्यक्षता श्री ए० एन०पटेल , अध्यक्ष,ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के द्वारा की गई।मुख्य बक्ता के रूप में बोलते हुए ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के समस्तीपुर मंडल के डिविजनल सेक्रेटरी श्री रत्नेश वर्मा ने शहीद भगत सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मात्र 14 वर्ष की आयु में क्रांतिकारी जीवन को अपनाने वाले अमर शहीद भगत सिंह अपना पूरा जीवन मजदूरों के हक़ और अधिकार के लड़ाई में बिता दिए।जरूरत आज फिर से उनके विचारधारा पर चलने की है।केंद्र सरकार की नई श्रम नीति और नई कृषि नीति के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि छोटे कृषक अथवा मजदूर वर्ग को इससे निराशा हीं मिलेगी।
केंद्र-सरकार के द्वारा रेलवे के सात उत्पादन इकाइयों को निगम बनाने कई विभागों का निजीकरण / निगमीकरण करने एवम 109 रेलवे रूट पर 151 पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट ऑपरेटर एजेंसी से कार्य कराने से संबंधित टेंडर , रेलवे में खाली पड़े 50% पदों को समाप्त करने , कैडर-मर्जिंग मल्टीस्कीलिंग जैसी योजनाओं से रेल-कर्मी एवम देश की जनता भी सकते में हैं।केंद्र-सरकार के इन्ही नीतियों का विरोध करने के लिए अब सभी ट्रेड-यूनियन एक साथ विरोध में उतरे हैं।आंदोलन के नेतृत्वकर्ता श्री ए एन पटेल , अध्यक्ष , ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन , हाजीपुर जोन के द्वारा बताया गया कि रेलवे में कई वर्षों से पार्ट-पार्ट में निजीकरण किया जा रहा है।रेलवे के कई विभाग समाप्त किये जा चुके है।"ए-1" क्लास एवम "ए "क्लास के कई स्टेशनों को बेचा गया है।निगमीकरण , 100% एफ०डी०आई०, पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप , ठेका-प्रथा आउटसोर्सिंग के कारण स्थाई कर्मियों के नौकरी पर खतरा और असमंजसता ब्याप्त है।यहीं नहीं कई राज्य-सरकारों के द्वारा लॉक-डाउन के समय मे हीं श्रम-कानूनों में पूंजीपतियों के हितों का ध्यान रखकर बड़े बदलाव किए गए।श्री रत्नेश वर्मा ने बताया कि रेलवे में एक तरफ अनिवार्य सेवानिवृति के लिए 55 वर्ष उम्र या 30 वर्ष नौकरी कर चुके लोंगों के रिकार्ड को खंगालने का कार्य हो रहा है,तो दूसरी तरफ मल्टीस्कीलिंग के द्वारा एक हीं कर्मचारी से कई कार्य कराने की प्रक्रिया भी चल रही है।उदाहरण के तौर पर आर०पी०एफ०कांस्टेबल को बहु-कौशल प्रशिक्षण के साथ स्टेशन पर टिकट-चेकिंग हेतु उपयोग किये जाने से बाणिज्य विभाग के टी०सी० का पद खत्म करके उसे दूसरे कार्य मे लगाया जा सकेगा।इसी प्रकार से कई दूसरे विभागों यहाँ तक कि संरक्षा से जुड़े हुए कर्मचारियों से भी एक साथ कई कार्य कराने का प्रयोग चल रहा है।सभा को संबोधित करने वालों में श्री ए० एन०पटेल , श्री भूपेंद्र लाल , श्री डी०एन०त्रिवेदी , श्री विष्णुदेव प्रसाद यादव , श्री भैरव दयाल सिंह , श्री विनोद कुमार , श्री राघव साह , श्री अशोक कुशवाहा , श्री मो०शफी , श्री भाग्यनारायन चौधरी , श्री शंकर राय , श्री प्रदीप कुमार , श्री रमेश ठाकुर आदि प्रमुख थे ।