रेलवे स्टेशनों पर डिस्पोजल कंबल और चादर बेचेगा रेलवे.
आने वाले दिनों में सभी प्रमुख स्टेशनों पर डिस्पोजल बेडरोल की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। लॉकडाउन के बाद स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वातानुकूलित बोगियों से बेडरोल और पर्दे हटा लिए गए थे।
रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें घर से चादर और कंबल लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्टेशन पर ही बेडरोल मिल जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने स्टेशनों पर डिस्पोजल कंबल और चादर बेचने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, इसके लिए यात्रियों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा।
रेलवे ने यह व्यवस्था निजी हाथों में सौंपी है। मार्च से यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। यात्री काउंटर पर अपने मनमाफिक कंबल या चादर खरीद सकेंगे। बेडरोल सेट के साथ यात्रियों को सैनिटाइजर और मास्क भी मिलेगा। रास्ते में उपयोग करने के बाद उसका निस्तारण कर देंगे। अगर उपयोग नहीं करते हैं तो घर भी ले जा सकते हैं। बेडरोल का अलग-अलग संभावित किराया निर्धारित कर दिया गया है।
अब लगभग सभी नियमित ट्रेनें स्पेशल के रूप में चलने लगी हैं। लेकिन कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत अभी भी यात्रियों को बेडरोल नहीं दिया जा रहा। ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ठंड के चलते सर्वाधिक परेशानी बुजुर्गों और बच्चों को होती है। मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए रेलवे बोर्ड ने स्टेशनों पर ही डिस्पोजल बेडरोल मुहैया कराने का निर्णय लिया है।
चादर, कंबल, तकिया व तौलिया का पूरा सेट लेने पर करीब 250 रुपये।
सिर्फ चादर लेने पर देने होंगे 50 रुपये।
सिर्फ कंबल लेने पर देने होंगे 100 रुपये।
चादर के साथ तकिया लेने पर 100 रुपये।
कंबल के साथ सिर्फ चादर लेने पर 200 रुपये।