112 के पुलिस कर्मियो ने पत्रकार से की मारपीट व तोड़ी माइक आईडी*"

 *112 के पुलिस कर्मियो ने पत्रकार से की मारपीट व तोड़ी माइक आईडी*"

लखनऊ- आलम। बाग थाना क्षेत्र के अंतर्गत मवाइया तिराहे पर बने पुलिस चौकी पर खड़ी 112 नंबर पर तैनात पुलिस कर्मियो ने पत्रकार की माइक आइडी तोड़ दी तथा पत्रकार को बुरी तरह से मारा पीटा भी।

आपको बता दूं कि क्राइम रिपोर्ट अटल बिहारी शर्मा पान दरीबा से एक आटो पर बैठ कर मवाइया पुलिस चौकी पर आये और आटो चालक को पांच रूपये किराया देने लगे तो आटो चालक ने दस रूपये का डिमांड किया जिसके कारण आटो चालक तथा पत्रकार मे बहस चल गई जिसको देखते हुए वहां खड़ी 112 नंबर पर तैनात पुलिस कर्मी आकर आटो चालक को भगा दिया तथा पत्रकार को बुरी तरह मारा पीटा भी व उसकी माइक आइडी तोड़ दी व गले मे पड़े आई कार्ड को भी तोड़ लिया आपको बता दें कि पत्रकार को काफी चोट भी आई है जो साफ साफ दिख रहा है पत्रकार को बुरी तरह से मार पीट कर 112 पुलिस कर्मी वहां से फरार हो गये ।

पीड़ित पत्रकार पुलिस चौकी इंचार्ज से आप बीती बताई तो चौकी इंचार्ज को पता ही नही था कि कौन 112 नंबर की गाड़ी यहां खड़ी थी।उसके बाद आलम बाग थाने मे फोन द्वारा अवगत कराया गया तो वहां भी कोई खास जानकारी नही उपलब्ध हो पाई पीड़ित पत्रकार ए सी पी एडिशनल एस पी व पुलिस कमिश्नर के नंबर पर तथा 112पर काल करके वहां खड़े 112 नंबर गाड़ी के डिटेल के बारे मे जानकारी करनी चाही फिर भी कोई जानकारी नही मिला।

अब सोचने वाली बात ये है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस जब एक पत्रकार के साथ मारपीट कर सकती है एक अपराधी किस्म आटो चालक को बचाने के लिए वहां से गायब कर सकती है तो ये कितना बड़ा अपराध का कारण बन सकती है कुछ कहा नही जा सकता है।

अब वो गरीब पत्रकार दो हजार की माइक आईडी कैसे ले पायेगा तथा जो 112 वालो ने मारा पीटा है उसका इलाज कहां करा पायेगा।

जब की साफ साफ चोट दिखाई दे रहा है।

क्या योगी आदित्य नाथ महराज ने 112 पर तैनात पुलिस कर्मियो को प्रमिशन दे रखे हैं की जिसको चाहे बीच चौराहे पर मारे पीटे पत्रकार की माइक आईडी तोड़ कर फेक दें।

या पुलिस कमिश्नर डी के ठाकुर कमिश्नरी का फायदा उठवा कर एक निर्भीक निष्पक्ष लिखने वाले पत्रकार को सरेआम पुलिस से पिटवायेगे।

जिस पत्रकार को 112 वालो ने मारा पीटा है व माइक आईडी तोड़ कर फेका है वो पत्रकार हमेशा पुलिस के हित मे ही लिखता आया है पर यदि आज पुलिस प्रशासन आटो चालक को बचा कर पत्रकार पर हमला बोला है बुरी तरह मारा पीटा है साथ ही माईक आईडी तोड़फोड़ कर फेक दिया है तो इससे साफ जाहिर होता है कि वो पत्रकार शायद उत्तर प्रदेश पुलिस के असली चेहरे से वाकिफ नही था तभी वो पुलिस की हमेशा गुडवर्क दिखाने की कोशिश करता था जिसके कारण आम जन के नजरो मे वो पुलिस का दलाल व मुखबिर माना जाता था।

पत्रकार अटल बिहारी शर्मा का कहना है कि यदि 112पुलिस कर्मियो पर कोई कार्यवाही नहीं होती है तो इसका मतलब साफ है कि लखनऊ पुलिस पूरी तरह मैनेज हो चुकी है।

*आवाज जन जन की अपराध भ्रष्टाचार के खिलाफ*!

*एडिटर इन चीफ अटल बिहारी शर्मा लखनऊ*?

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