पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ने पर अवतार लेते हैं भगवान : स्वामी राम चंद्र चार्य
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बिल्सी में श्रीमदभागवत कथा का तीसरा दिन
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बदायूँ/उत्तर प्रदेश
बिल्सी : नगर के कछला रोड स्थित जेपी जैन स्कूल में सिद्धपीठ श्रीबालाजी धाम के तत्वावधान में आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह के तीसरे दिन आज मंगलवारप को राजस्थान के पुष्कर पीठाधीश्वर श्रीमद् जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी रामचन्द्रचार्य जी महाराज ने यहां माता देवकी
और वासुदेव के विवाह के प्रसंग के माध्यम से पुत्र-पुत्रियों के विवाह श्रेष्ठ शुद्ध अंताकरण से सम्पन्न करने चाहिए।
क्योंकि धर्म को साथ रखकर विवाह ही सफलीभूत होते है। स्वामी जी ने श्रीकृष्ण भगवान के जन्म की कथा का मनोरम एवं कल्याणकारी विवेचन किया। उन्होने कहा कि भगवान का अवतार मात्र राक्षसों के वध के लिए ही नहीं होता अपितु मनुष्य एवं प्राणी मात्र को संस्कारित शिक्षा देने के लिए भी होता है। जब-जब इस पृथ्वी पर धर्म की हानि हुई तब-तब भगवान को अवतार लेना पड़ा है।
कंस के अत्याचारों से पीड़ित ब्रजवासियों के कल्याण के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने माता देवकी एवं वासुदेव के घर जन्म लेकर कंस के अत्याचारों से लोगों को मुक्त कराया। इसलिए लोगों को चाहिए वह धर्म के साथ सत्य के मार्ग को अपनाएं। तभी उनके जीवन का उद्धार हो सकेगा।
इस मौके पर महंत मटरुमल शर्मा महाराज, प्रदीप शर्मा, संजीव शर्मा, दीपक बाबा, नरेंद्र गरल, आशीष वशिष्ठ, रंजन माहेश्वरी, जितेंद्र कुमार, राजेश माहेश्वरी, संदीप मिश्रा, श्रीकांत मिश्रा, मोहित देवल, देव वार्ष्णेय, मुकेश गुप्ता, प्रवीण वार्ष्णेय, डा.राजा बाबू वार्ष्णेय, अनूप माहेश्वरी, रोहित माहेश्वरी, लालू माहेश्वरी, टिंकू, आकाश, चारू सोमानी, गिरीश गिरि, मुनीश गिरी आदि मौजूद रहे।
बदायूँ से जिला संवाददाता मुकेश मिश्रा की रिपोर्ट