अवैध मिट्टी के खनन का काला धंधा, नहीं ले रहा थमने का नाम

 अवैध मिट्टी के खनन का काला धंधा, नहीं ले रहा थमने का नाम




बदायूँ/उत्तर प्रदेश

कुंवरगांव : थाना क्षेत्र में कई दिनों से मिटटी का अवैध खनन का कारोबार जोरों पर चल रहा है वैसे तो जनपद में अवैध खनन का काला कारोबार किसी से छिपा नहीं है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा की सख्ती होने के बावजूद भी माफिया रात के अंधेरे में स्थानीय थाना पुलिस व नेताओं के संरक्षण में जमकर मिट्टी का खनन का कार्य कर रहे है। खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं हर रोज सैकड़ों ट्राली मिटटी का खनन कर माफिया मोटी कमाई कर रहे हैं। मिटटी का खनन होते समय कोई भी अधिकारी उनको पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। और इसमें स्थानीय पुलिस की भी मिलीभगत रहती जहां खनन माफियाओं से एक रात की मोटी रकम ली जाती है। और बेझिझक खनन करने की अनुमति दे दी जाती है थाना क्षेत्र के गांव बरखिन का जंगल तो खनन के लिए बदनाम हो चुका है जहां जंगल में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर ट्राली से अवैध मिट्टी की ढुलाई की जाती है।

प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार ऐसा ही मामला मंगलवार रात करीब साढ़े नौ बजे का है जहां बरखिन के जंगल में एक जेसीबी मशीन ,दो डंपर, तीन ट्रालियां खनन कर रही थी मिट्टी ट्रालियों व डंपरों में भरकर कुंवर गांव की तरफ को जा रही थी तभी किसी ने खनन की सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी जहां उच्च अधिकारियों ने आनन-फानन में खनन बंद करा दिया। जहां मौके पर भगदड़ मच गई कोई जेसीबी लेकर भाग गया, कोई खाली ट्राली लेकर भागा तो किसी ने यूसुफ नगर के पास रोड किनारे ही मिट्टी भरा डंपर पलट दिया। सदर एसडीएम और थाना प्रभारी परमीशन होने का हवाला देते रहे। लेकिन खनन माफिया मशीन , ट्रालियां, डंपर लेकर भाग गए। सवाल यह उठता है कि जब जंगल में खनन एसडीएम साहब के कहने पर हो रहा था और परमीशन थी तो खनन माफिया उल्टे पांव क्यों भागे। जहां सूत्रों के मुताबिक परमीशन में भी खेला किया जाता है अगर परमीशन दस ट्रालियों की होती है तो खनन माफिया अधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर पूरी रात ट्रालियों में मिट्टी भकरकर फर्राटा भरते नजर आते हैं।अवैध मिटटी खनन का लाखों का काला कारोबार कर मिटटी माफिया हर रोज सैकड़ों ट्रालियां मिटटी बेंच कर काली कमाई कर रहे हैं। इस कारोबार के कारिंदों पर प्रभावी अंकुश न लग पाने से वह बेखौफ होकर पिछले काफी समय से अवैध खनन का कारोबार कर रहे हैं और नियमों को ताक पर रख कर मिट्टी खनन माफियाओं द्वारा किये जा रहे बड़े पैमाने पर अवैध मिटटी ढुलाई मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही हैं। जानकारी के मुताबिक बगैर माइनिंग ओवरलोड वाहन की पंजीयन, बीमा, पॉल्यूशन, फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस के बिना आसानी से ट्रैक्टर ट्राली पर लदी मिटटी को लेकर सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन ट्रैक्टर ट्राली काम कर रहे हैं। जिससे राजस्व का भी काफी नुकसान हो रहा हैं। स्थानीय पुलिस की इसमें संलिप्तता उजागर हो रही है। 


क्षेत्र में मिटटी खनन का न तो कोई पट्टा हैं और न ही कोई परमिशन हैं जिससे पूरे क्षेत्र में अवैध ढंग से मिटटी का खनन हो रहा है। वैसे अवैध मिटटी खनन को रोकने की जिम्मेदारी पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त रूप से है, पर अवैध मिटटी खनन के कार्य में थाना पुलिस की सह पर ही चल रहा है ।


इस संबंध में थाना प्रभारी का कहना है कि रात में जो जंगल में खनन हो रहा था वह एसडीएम साहब करवा रहे थे उन्हीं ने ही खनन को बंद करा दिया था।


बदायूँ से जिला संवाददाता मुकेश मिश्रा की रिपोर्ट

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