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जनपद शाहजहांपुर
*निगोही सीएचसी स्टाफ और साईं अस्पताल के बीच चल रही दलाली की जुगलबंदी**
संपादक जितेंद्र कुमार कश्यप के साथ बरेली मंडल प्रभारी नीतू कश्यप की विशेष रिपोर्ट
--- रात के अंधेरे में प्रसव को आने को वाली महिला मरीजों को डरा धमका कर भेजा जाता है प्राइवेट अस्पताल में
--- सरकारी अस्पताल में डिलीवरी न होने पर प्राइवेट अस्पताल में लूटे जाते हैं तीमारदार
निगोही। यूपी का स्वास्थ्य महकमा सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। नीचे से ऊपर तक हर कोई अपने जरिए से कमाई में लगा हुआ है। ताजा मामला निगोही सीएचसी से जुड़ा हुआ है जहां के स्टाफ और साईं प्राइवेट अस्पताल के बीच दलाली की जुगलबंदी चर्चा का विषय बनी हुई है। कमीशन के चलते सरकारी अस्पताल का स्टाफ मरीजों को इस अस्पताल में रेफर कर देते हैं। कमाई का यह खेल खूब चल रहा है। इसमें क्षेत्र की गरीब जनता पिसती जा रही हैं। वहीं जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेरकर बैठे हैं।
निगोही क्षेत्र की तकरीबन एक लाख से ज्यादा जनसंख्या निगोही की सीएचसी पर निर्भर है। गरीबों को उम्मीद रहती है सरकारी अस्पताल होने के चलते उन्हें फ्री और सस्ता इलाज मिलेगा, मगर उनकी यह उम्मीद अस्पताल पहुंचने के साथ ही टूटने लगती है। पहले इलाज में हीलाहवाली और फिर स्टाफ का व्यवहार। दरअसल निगोही सीएचसी में लगा स्टाफ सरकारी सैलरी से ज्यादा मरीजों से कामना चाहता है। रात के समय यदि कोई गर्भवती महिला सीएचसी पहुंचती है तो उसके तीमारदारों को तरह तरह की पट्टी पढ़ाई जाती है। अगर इलाज शुरू भी होता है तो उन्हे डराया जाता है कि आपके मरीज की हालत बहुत गंभीर है, बच्चा उल्टा हो गया ये वो सब तरह के बहाने बनाए जाते हैं। अगर तीमारदार डर गया तो समझो स्टाफ का काम हो गया। फिर यहां से तीमारदार को स्टाफ के द्वारा ही राय दी जाती है की पास में ही साईं प्राइवेट अस्पताल है वहां ले जाओ डिलीवरी हो जायेगी। अस्पताल के बाहर ही दलाल घूमते हैं जो मरीज को इस प्राइवेट अस्पताल ले जाकर भर्ती करवा देते हैं। यहां यदि निर्मल डिलीवरी भी होने वाली होती है तो मोटी कमाई के एवज में बड़ा ऑपरेशन कर दिया जाता है। प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन के लिए मरीज को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ती है। सभी जानते है सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने ज्यादातर गरीब लोग ही जाते हैं तो ऐसे में उनके पास प्राइवेट अस्पताल को देने के लिए भारी भरकम रकम नहीं होती है, मगर मजबूरन उन्हें इलाज का पैसा चुकाना पड़ता है। ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं जिसमे सीएचसी स्टाफ और साईं अस्पताल की जुगलबंदी पर लोगो ने सवाल उठाए हैं। ना जाने यह व्यवस्था कब बदलेगी जबकि कहने को यूपी में ईमानदार सरकार है।