आरोपी रोज नया खुलासे कर रहा है। अब मोबाइल के बारे में किया खुलासा

 आरोपी विजय रोज नया खुलासे कर रहा है।

वारदात से 20 दिन पहले हत्यारे ने थाने में दर्ज कराई थी मोबाइल गुम होने की शिकायत!

लखनऊ

कुख्यात बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के हत्याकांड को लेकर एक नया बड़ा खुलासा हुआ है। शूटर विजय ने वारदात को अंजाम देने से करीब 20 दिन पहले अपना मोबाइल गुम होने की सूचना जौनपुर के केराकत थाने में दी थी और प्रार्थना पत्र पर मुहर लगवाकर रख लिया था। यह खेल साजिश के तहत शूटर ने खेला था। सात जून को गैंगस्टर जीवा एससी-एसटी कोर्ट में पेशी पर आया था। कोर्ट रूम के भीतर जौनपुर निवासी शूटर विजय यादव ने उसको गोलियों से भून दिया था। रिवॉल्वर से छह की छह गोलियां उसके शरीर में उतार दी थीं। वारदात में दो पुलिसकर्मी व एक बच्ची समेत पांच लोग घायल हुए थे।

इसमें पुलिस ने खुद वादी बनकर एफआईआर दर्ज कराई थी। केस की विवेचना एसआईटी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जांच में एक तथ्य सामने आया है कि वारदात से पहले विजय ने केराकत थाने में यह सूचना दी थी कि उसका मोबाइल खो गया है। इससे संबंधित एक प्रार्थना पत्र पर मुहर भी लगवाई थी। ये बात उसने रिमांड के दौरान पूछताछ में कबूली भी थी। उसका कहना था कि पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने ऐसा खेल किया था। लेकिन जब वह घटनास्थल से ही पकड़ लिया गया तो इसका कोई मोबाइल के होने न होने से कोई फर्क ही नहीं पड़ा।

सूत्रों के मुताबिक जिस मोबाइल के गुम होने की सूचना विजय ने दी थी उसको वह खुद ही इस्तेमाल कर रहा था। घटनास्थल से जब वह गिरफ्तार किया गया था तब उसके पास से वही मोबाइल बरामद हुआ था। सूत्रों के मुताबिक जिसके इशारे पर विजय ने वारदात को अंजाम दिया था, उसी ने मोबाइल को लेकर ये खेल करने को कहा था। हालांकि, हत्याकांड में अभी भी तमाम पहलू अधूरे हैं। कई अहम सवाल अनसुलझे हैं जिनकी विवेचना अभी जारी है।

मोबाइल खो जाने की रिपोर्ट अब ऑनलाइन दर्ज की जाती है। यूपीकॉप एप के जरिये कोई भी शख्स गुमशुदगी दर्ज करवा सकता है। यही वजह है कि जब विजय अपने मोबाइल गुम होने की सूचना दर्ज कराने पहुंचा था तो लिखापढ़ी नहीं की गई थी। इसलिए पुलिस रिकॉर्ड में वह तथ्य नहीं है। वह सिर्फ एक प्रार्थना पत्र पर मुहर लगवाकर चला गया था। उसका कहना था कि उसके आधार पर वह सिम ले लेगा। सूत्रों के मुताबिक हत्याकांड को अंजाम देने से पहले विजय कई दिनों तक लखनऊ में रहा था। करीब 10 दिन तक वह चिनहट इलाके में रहा। चिनहट में वह कहां और किसके संरक्षण में रहा आगे की पुछतांछ में विजय से ये सवाल किए जाएंगे तभी सच्चाई सामने आ सकती है।

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