दरगाह शाह शराफत अली मियां के नये सज्जादा बने साहिबजादे गाजी मियां ने संभाली खानकाह की रुहानी विरासत, कई खानकाहों के सज्जादा रहे शामिल
दरगाह शाह शराफत अली मियां के नये सज्जादा बने साहिबजादे गाजी मियां ने संभाली खानकाह की रुहानी विरासत, कई खानकाहों के सज्जादा रहे शामिल
बदायूं
शाह सकलैन मियां के इंतकाल के बाद रूहानी विरासत की जिम्मेदारी साहिबजादे गाजी मियां को सौपी गई है। मंगलवार को दरगाह शाह शराफत अली मियां पर ताजपोशी में तमाम खानकाहों के सज्जादागान और बड़ी हस्तियां शामिल हुईं।
युवा ताजदार गाजी मियां अब दरगाह की पूरी विरासत की जिम्मेदारी संभालेंगे। ताजपोशी से पहले सोयम (तीजा) की फातेहा में अकीदतमंदों की भारी भीड़ उमड़ी। फातेहा के बाद लोगों ने मजार पर हाजिरी देकर खिराजे अकीदत पेश की।
शाह सकलैन मियां के सोयम की फातेहा दरगाह शाह शराफत अली मियां पर हुई। सुबह कुरआन ख्वानी में तमाम आलिम और मदरसे के तुलबा ने कुरआन पाक पढ़ा। दरगाह के मीडिया प्रभारी हमजा सकलैनी ने बताया कि मंगलवार की सुबह फज्र नमाज के बाद सोयम फातेहा हुई। शाह सकलैन मियां के मुरीदों की काफी भीड़ रही।
मुरीदीन नम आंखों से पीरो मुर्शिद के सोयम में शामिल हुए और खिराजे अकीदत पेश की। कुरआन ख्वानी के बाद शाह मुहम्मद सकलैन मियां के छोटे भाई मुंतखब मियां अलमारूफ नूर ककरालवी ने गाजी मियां सकलैनी को दस्तार बांधकर आस्ताना के साहिबेसज्जादा होने का ऐलान किया। दस्तारबंदी के बाद दुआ से नवाजा गया। ताजपोशी के दौरान उलमा, मुरीद रहे। नये सज्जादानशीन की गुलपोशी व दस्तारबंदी की रस्म अदा की गई। इसके बाद फातिहा ख्वानी हुई और महफिल का इंतजाम किया गया।
सोयम फातेहा के दौरान बारगाह में एहसाले सवाब पेश किया गया। महफिल का आगाज तिलावते कलामे पाक से हाफिज अबू बक्र सकलैनी ने किया। सोयम में शामिल होने के लिए कई खानकाहों के सज्जादगान लाए और अपने-अपने रंज ओ गम का इजहार किया। जिनमें खानकाहे अहमदिया भटपुरा के सज्जादानशीन अजीज मियां, पीलीभीत से सज्जादानशीन हसन मियां, खानकाहे कादिरिया बदायूं से मौलाना खालिद, मौलाना अनवर कादरी, मौलाना इरशाद आलम नोमानी, खानकाहे वामिकया निशातिया से मौलाना असलम मियां आदि रहे।