मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरू भाई योगी शांतिनाथ ब्रह्मलीनशो, क में डूबा समाज और संत
पीलीभीत के आश्रम पर रहते थे योगी शांतिनाथ
दुख का क्षण- यादों के वो पल मुझे आज भी याद है...
राष्ट्र नमन समाचार पत्र के संपादक मुकेश सक्सेना के साथ योगी शांतिनाथ के यादगार पल
लखनऊ / पीलीभीत। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु भाई महाराज श्री शांतिनाथ जी ब्रह्मलीन हो गए। महाराज जी श्री शंकर जी विराजमान मंदिर मुड़िया न्यूरानपुर जनपद पीलीभीत के महंत थे उनकी अचानक तबियत खराब होने पर रात्रि में सरकारी एम्बुलेंस से बिलसंडा सीएचसी पर उपचार के लिए लेकर आया गया था। जहा रात्रि में उन्होंने अंतिम श्वास ली। आपको महाराज जी का परिचय बता दें महाराज जी गोरखपुर मठ पर सेवा दे रहे थे कि न्यूरानपुर आश्रम पर वर्ष 1997 -1998 के आसपास पर्दापण हुआ था। दियोरिया कलां के कुंवर महीप सिंह चंदेल से के काफी निकट थे उन्होंने एक शुरुआत के समय में आश्रम की भूमि को लेकर भी काफी संघर्ष किया था। आज उनके इस दुखद क्षण पर एक पुरानी याद भरी तस्वीर सामने आ गई जब आश्रम पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन हुआ था तो मैंने और सराफा व्यवसाई गौरीशंकर वर्मा ने महाराज जी को बुक भेंट की थी। महाराज जी का जब से आश्रय पर आना हुआ तब से ही मैं उनसे जुड़ा था मेरे द्वारा दैनिक जागरण में सक्रिय रिपोर्टिंग की जा रही थी तो वो हमेशा प्राथमिकता वो जन समस्याओं की खबर हमें प्रदान किया करते थे। कानून और धर्म का विशेष ज्ञान का भंडार महाराज जी पर था और वो आश्रम संबंधित न्यायिक मामलों में तर्क और जिरह अधिवक्ता के अलावा स्वयं भी कर लेते थे। महाराज जी थोड़ा तल्ख थे और जिद्दी स्वभाव तो था पर बात के धनी और दिल के सच्चे संत थे। उनकी पहल पर मुख्यमंत्री जी का आश्रम पर आना हुआ था और आश्रम को पर्यटक स्थल की भी घोषणा की गई। आज आश्रम का निखार और सौंदर्य देखने योग्य है।आज निडर निर्भीक और बड़े संत जिन्होंने क्षेत्र को बड़ी पहचान दी उनका इस तरह जाना अपूणीय क्षति माना जा रहा है।
पर्यटन की राह पर आश्रम न्यूरानपुर...
योगी आदित्यनाथ जी के गुरू भाई योगी शांतिनाथ जी ने श्री शंकर जी विराजमान मंदिर स्थल नयूरानपुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करा रहे थे। 2019 में मुख्यमंत्री के आगमन पर होने आश्रम को पर्यटन स्थल की घोषणा की थी और पर्यटन विभाग द्वारा 2.19 करोड़ रुपए की स्वीकृति कर धनराशि भेज दी जिसके तहत आश्रम पर रैन बसेरा, साधना भवन, मल्टीपरपज हाल, यज्ञशाला, गार्ड रूम, बाउंड्री वाल, रोड, गेट और रामलीला मंच कि निर्माण करा दिया गया है महज उसकी फीनिसिंग का काम शेष बचा है लगभग 2.19 करोड़ में 2 करोड़ के आसपास खर्च हो चुका होगा, शेष कार्य जारी था। महाराज जी की आगे भी आश्रम को विकसित करने की बड़ी योजना थी और उन्होंने प्रोजेक्ट शासन को भेज रखे थे जो विचाराधीन है।