आर्मी इंटेलिजेंस और आगरा STF ने फर्जी फौजी को आर्मी कैंटीन में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले को किया गिरफ्तार

आर्मी इंटेलिजेंस और आगरा STF ने फर्जी फौजी को आर्मी कैंटीन में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले को किया गिरफ्तार 

आगरा । आर्मी इंटेलिजेंस और आगरा STF ने एक ठगी करने वाले विक्रम सिंह को धरदबोचा। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लोगों को फर्जी सैनिक आश्रित कार्ड बनाकर देने वाले फर्जी फौजी को शनिवार की रात को जाल बिछा कर गिरफ्तार कर लिया। फर्जी फौजी सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसता था। उस पर पहले दुष्कर्म और ठगी के मुकदमा दर्ज हैं। आरोपी पर सदर थाना पुलिस मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही कर रही है। सेना की इंटेलिजेंस भी जांच में जुटी है। आरोपी सैन्य आश्रित लाभ और कैंटीन में नौकरी का लालच देकर लोगों को जाल में फंसाता था और रुपए ले लेता था।

 आरोपी युवक सड़क पर मोटरसाइकिल से जा रहा था। इस दौरान पुलिस टीम ने उसे बीच सड़क पर घेर लिया और उससे वहीं पूछताछ शुरू कर दी। आर्मी और एसटीएफ वालों को देखकर युवक थोड़ा सकपका गया ।

इसके बाद उसने एक-एक कर अपने सारे राज खोल दिए। युवक ने बिल्कुल आर्मी वालों की तरह लुक बना रखा था और बाल भी आर्मी जवानों जैसे कटवा रखे थे। युवक अपने साथ वर्दी और आर्मी का आईडी कार्ड भी लेकर घूमता था। युवक ने कथित तौर पर कई लोगों से आर्मी में नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे ऐंठ रखे थे।

पुलिस अधिकारी ने सड़क पर रोक कर पूछा … नाम क्या है? क्या नाम है तुम्हारा?

 तो युवक ने अपना नाम विक्रम बताया। इसके बाद पुलिस अधिकारी ने उससे पूछा कि बैग में क्या है? इसके बाद वहां मौजूद पुलिस और एसटीएफ के लोग उसकी बैग की तलाशी करने लगे, इस दौरान एक आईडी कार्ड और सेना की वर्दी मिली। अधिकारी ने फिर युवक ने उसका नाम पूछा तो युवक ने अपना नाम विक्रम सिकरवार बताया। इसके बाद युवक की जेब की तलाशी ली गई तो मोबाइल फोन बरामद हुआ. आईडी कार्ड को लेकर जब युवक से सवाल किया, ‘ये तुम्हारा है?’ तो युवक ने कहा कि उसने गूगल से लिया था।

अधिकारी ने पूछा कि तुम आर्मी से हो क्या? तो युवक ने इनकार कर दिया। इसके बाद वहां कुछ लड़के मौजूद थे, जिनसे अधिकारी ने सवाल किया कि इनको जानते हो तो युवकों ने कहा कि हां ये खुद को कैंटीन का इंचार्ज बताता है। युवकों ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उनसे 51-51 हजार रुपये लिए।

इंस्पेक्टर एसटीएफ यतींद्र शर्मा ने बताया कि छानबीन में किसी व्यक्ति द्वारा लोगों को दो से तीन हजार में आश्रित कार्ड बनाकर देने की जानकारी हुई। सेना के मृतक आश्रितों का लाभ मिलने और प्रतिबंधित क्षेत्र में जाकर काम करने की छूट का लालच दिया गया था। 

सुरक्षा में बड़ी सेंध मानकर टीम ने फर्जी कार्ड धारकों से पूछताछ और आरोपी का हुलिया पता किया और तलाश में जुट गई। आरोपी की पहचान फरह, मथुरा के विक्रम सिंह के रूप में हुई। 

गिरफ्तारी के बाद जांच की तो पता चला कि वह पहले दो बार दुराचार और एक बार ठगी के आरोप में जेल जा चुका है। शिकायत के आधार पर थाना सदर पुलिस मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है। सूचना मिलने के बाद सेना की इंटेलिजेंस भी थाने पहुंचकर पकड़े गए युवक से पूछताछ कर रही है कि आरोपी ने अब तक कितने लोगों के कार्ड बनाए और उनमें से कोई आतंकी तो नहीं था। इन सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं। उसे सेना की कार्यशैली की इतनी जानकारी कैसे थी। इसके बारे में भी उससे पूछताछ की जा रही है।

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