"क्या मुंह लेकर विधानसभा जाऊ... जब खुद को न्याय नहीं दिला सका" 'थप्पड़ कांड' से आहत हैं विधायक योगेश वर्मा विधानसभा सत्र के पहले दिन कार्यवाही में शामिल नहीं हुए ।

"क्या मुंह लेकर विधानसभा जाऊ... जब खुद को न्याय नहीं दिला सका" 'थप्पड़ कांड' से आहत हैं विधायक योगेश वर्मा

विधानसभा सत्र के पहले दिन कार्यवाही में शामिल नहीं हुए ।

लखनऊ  / लखीमपुर । कल विधानसभा सत्र का पहला दिन था सभी विधायक इस सत्र में शामिल होने लखनऊ स्थित विधानसभा में आएं हुए हैं पर लखीमपुर-खीरी के सदर से भाजपा विधायक योगेश वर्मा इस सत्र में नहीं पहुंचे। जब उनसे सम्पर्क किया गया तो उनका दर्द छलक आया। उनकी बातों से लगता है कि उनके मन से सरेआम पिटाई का दर्द कम नाम नहीं हुआ। इसकी झलक उनकी बातों में दिखी थोड़ा खिन्न भी दिखाई दिये।

कल सदन की कार्यवाही का पहला दिन था और वह कार्यवाही से अनुपस्थित रहे। उन्होंने इसकी वजह भी बताई उन्होंने हुए कहा कि जब मुझे न्याय ही नहीं मिला तो फिर मैं क्या मुंह दिखाऊंगा।

दरअसल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की सदर सीट से भाजपा विधायक योगेश वर्मा के साथ अधिवक्ता अवधेश सिंह ने मारपीट की थी जिसकी वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गई थी देश भर में सुर्खियों में रही थी। लेकिन कुछ समय बाद सब सामान्य हो गया था पर यह ऊपरी दिखावा ही जान पड़ता है क्योंकि विधायक योगेश वर्मा के मन से सरेआम पिटाई का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी झलक सदन की कार्यवाही के पहले दिन देखने को मिली जब वह अनुपस्थित रहे और जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि "जब मुझे न्याय ही नहीं मिला तो फिर मैं क्या मुंह दिखाऊंगा।"

योगेश वर्मा सोमवार को विधानसभा के सत्र में पहले दिन शामिल होने नहीं गए। इस बारे में सवाल पूछे जाने पर वर्मा ने कहा कि - "जब विधायक होते हुए मुझे ही न्याय नहीं मिला तो विधानसभा में जाकर जनता को क्या न्याय दिला पाऊंगा। विधानसभा में अपने साथियों को क्या मुंह दिखाऊंगा। इसलिए ही विधानसभा में जाने की हिम्मत नहीं हो रही है।" मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कार्यवाही का आश्वासन दिया था लेकिन दो महीने बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।

इसके बाद योगेश वर्मा ने यह भी कहा - "मेरे साथ हुई घटना को पार्टी ने गंभीरता से नहीं लिया। ना ही आरोपी पर उचित कार्यवाही हुई। विधायक ने कहा कि सदन आकर क्या करें। हिम्मत नहीं पड़ रही है। 1988 से अब तक लगातार मैं राजनीति कर रहा हूं, आजतक मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगा है। इसके बाद भी इतनी बड़ी घटना के बाद कोई कार्यवाही नहीं हुई है।"

बीते 9 अक्टूबर को लखीमपुर में अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के चुनाव के नामांकन के दौरान जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह व उसके समर्थको द्वारा पुलिस की मौजूदगी में विधायक की पिटाई कर दी थी। उन्हें कई थप्पड़ जड़ दिए थे। अवधेश सिंह के सहयोगियों ने भी विधायक की पिटाई कर दी थी। इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।

इस मामले में विधायक ने पुलिस को तहरीर भी दी थी, लेकिन कई दिन बाद एफआईआर दर्ज हुई लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। भाजपा ने इस मामले में आरोपी चार कार्यकर्ताओं को पार्टी से बर्खास्त कर अपना पल्लू झाड़ लिया इसे ही कार्यवाही का नाम देकर इतिश्री समझ लिया। इस कांडा में लखीमपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की निवर्तमान अध्यक्ष पुष्पा सिंह, उनके पति और पार्टी के सक्रिय सदस्य अवधेश सिंह समेत जिला भाजपा उपाध्यक्ष अनिल यादव और ज्योति शुक्ला शामिल थे।

पर विधायक योगेश वर्मा मारपीट करने वाले लोगों को केवल पार्टी की सदस्यता से निष्कासित करने को न्याय मिलना नहीं मानते उनके मन में यह दर्द हैं की सत्ता पक्ष के विधायक होने के बाद भी वह अपने लिए ही न्याय नहीं दिला सके तो किसी और को क्या न्याय दिलाने के लिए सदन में आएं। वैसे उनकी बात भी सही प्रतीत होती हैं विधायक योगेश वर्मा सत्ता में होते हुए भी न्याय नहीं मिलने से आहत हैं।

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