मौलाना निकाला शातिर साइबर ठग, साथी सहित गिरफ्तार। शातिर दिमाग मौलाना ने बचने के लिए अजमाया पैंतरा भी हुआ फेल

 मौलाना निकाला शातिर साइबर ठग, साथी सहित गिरफ्तार।

शातिर दिमाग मौलाना ने बचने के लिए अजमाया पैंतरा भी हुआ फेल 

कानपुर । जनपद कानपुर की पुलिस टीम ने लाखों की साइबर ठगी के मामले की जांच कर रही थी जब मामले का पर्दाफाश किया तो चौंकाने वाला नतीजा सामने आया, पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में कानपुर में स्थित एक मदरस के संचालन करने वाले मौलाना सहित दो को गिरफ्तार किया।

शिकायत के आधार पर कानपुर पुलिस साइबर अपराधों की बढ़ती गतिविधियों की लगातार जांच कर रही थी जिसमें कई टीमें लगी हुई थी। दरअसल बीते कुछ दिनों से शहर में साइबर से जुड़े हुए कई मामलों ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी थी। लगातार हो रहे साइबर अपराधो को रोकना जनपद की पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी। जिसमें ज्यादातर मामले डिजिटल अरेस्ट के थे। पुलिस को जांच के दौरान एक ऐसे गैंग का सुराग मिला जो दिल्ली से साइबर ठगी का खेल, खेल रहा था और उसके तार कानपुर शहर तक जुड़े थे।

दरअसल दिल्ली से साइबर ठगी का खेल खेलने वाले गैंग के सदस्य आम लोगों से पैसा लूट कर एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर रहे थे और फिर पैसे निकालकर मौज करते थे। 

इस केस में कानपुर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जांच के दौरान पुलिस को दिल्ली में कानपुर के एक बैंक अकाउंट की जानकारी मिली जिसमें लाखों का ट्रांजैक्शन किया गया था उसी आधार पर जब जांच आगे बढ़ी तो शातिर मौलाना तक पहुंची।

जब पुलिस ने इस खाते की जानकारी जुटाई तो पता चला कि ये एक मदरसे का अकाउंट नंबर है जिसके बाद मामला कुछ और ज्यादा संदिग्ध हो गया । जिसके बाद पुलिस ने कानपुर पहुंचकर गहनता से जांच तेज की तो पता चला कि मदरसे का संचालन करने वाला एक मौलाना साइबर ठगी करने वाले गैंग का सक्रिय सदस्य है। मौलाना लोगों से लूट के रुपए को मदरसे के खाते में मंगवाकर सुरक्षित रखता था और जब मामला ठंडा हो जाता था तब अपना कमीशन काटकर ठगों को उनके पैसे वापस भेज देता है था। इस मामले में पुलिस ने मौलना के साथ एक और उसके साथी को गिरफ्तार किया है।

दरअसल इस शातिर मौलाना को अपनी पोल खुलने का अंदेशा हुआ तो उसने पुलिस में एक शिकायती पत्र लिखा कि मदरसे के खाते में कुछ गड़बड़ी है यह चालबाजी पुलिस के आगे चली नहीं और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि, पुलिस टीम अलग अलग तरह की शिकायतों पर साइबर ठगी के मामलों में जांच कर रहे थी, जिसमे एक ठगी के तार दिल्ली से जुड़े मिले. जिसमें पता चला कि दिल्ली का ठग गैंग कानपुर में एक मदरसे में ठगी वाले पैसों का ट्रांसफर करता है।

कर्नलगंज थाना क्षेत्र के यतीमखाना निवासी मो. जावेद अख्तर मदरसा कसीमुल उलूम फाउंडेशन चलाता है। मोहम्मद जावेद ने मदरसे के चैरिटी अकाउंट का फायदा उठाकर साइबर ठगों के साथ मिलकर देश के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले डिजिटल अरेस्ट समेत अन्य तरीके की साइबर ठगी की रकम अपने खाते में मंगाता था। इसके बदले में साइबर ठग उसे 20 से 30 फीसदी तक कमीशन काटकर बाकी रकम लौटा देता था।

 जिसमें पुलिस को 32 लाख रुपये की जानकारी मिली। पुलिस ने जब अकाउंट की डिटेल खंगाली तो पता चला कि दिल्ली के ठगों ने लूटे हुए पैसे मदरसे के अकाउंट में भेजे हैं। सरगना मो. जावेद अख्तर कानपुर से लेकर बिहार तक में प्रॉपर्टी में करोड़ों रुपए इन्वेस्ट किया है। अकाउंट के साथ ही उसकी संपत्ति की भी जांच की जा रही है। मौलाना मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया गया है। सीडीआर के साथ व्हाट्सएप कॉल की भी जांच की जा रही है।

अधिकारी की माने तो इस 32 लाख रुपये से पहले इसी मदरसे के अकाउंट में 60 लाख रुपये की रकम ट्रांसफर की गई थी, जिसके पुलिस कनेक्शन तलाश रही है। साथ ही इस ठग गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

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