फरीदाबाद जिला में 40वां नेत्रदान पखवाड़ा आरंभ दृष्टि का उपहार” देने के लिए लोगों से आगे आने का आह्वान
फरीदाबाद जिला में 40वां नेत्रदान पखवाड़ा आरंभ दृष्टि का उपहार” देने के लिए लोगों से आगे आने का आह्वान
फरीदाबाद, 25 अगस्त।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जयंत आहूजा के मार्गदर्शन में आज फरीदाबाद जिला में 40वां नेत्रदान पखवाड़ा बड़े उत्साह और जनभागीदारी के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय नेत्र अस्पतालों और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के संयुक्त प्रयासों से जागरूकता संबंधी कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को नेत्रदान के महत्व से अवगत कराना और अधिक से अधिक नागरिकों को “दृष्टि का उपहार” अभियान से जोड़ना है आयोजन के पहले दिन जिले भर में स्वास्थ्य चर्चाएँ, निःशुल्क नेत्र-जाँच शिविर और जागरूकता रैलियाँ आयोजित की गईं। इन गतिविधियों में बड़ी संख्या में आमजन, विद्यार्थी, स्वयंसेवी संगठन और स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हुए। विशेषज्ञों ने बताया कि नेत्रदान एक ऐसा पुण्य कार्य है, जिससे किसी अंधे व्यक्ति को नई जिंदगी और नई रोशनी मिल सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने परिवार और समाज में नेत्रदान के महत्व को समझाएँ और मृत्यु के बाद नेत्रदान के संकल्प को अपनाएँ।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जयंत आहूजा ने बताया कि भारत में लाखों लोग कॉर्निया संबंधी बीमारियों के कारण दृष्टिहीनता से जूझ रहे हैं। यदि समाज के लोग आगे बढ़कर नेत्रदान करें तो इन रोगियों को जीवनभर की अंधकारमयी दुनिया से मुक्ति दिलाई जा सकती है। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों और चिकित्सकों ने कहा कि यह पहल तभी सफल हो सकती है जब समाज के प्रत्येक वर्ग का सहयोग मिले। उन्होंने जोर देकर कहा कि नेत्रदान में किसी प्रकार की धार्मिक या सामाजिक बाधा नहीं है, बल्कि यह जीवन का सबसे बड़ा उपहार है। उन्होंने लोगों से शपथ लेने का आग्रह किया कि वे स्वयं नेत्रदान करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर कहा कि नेत्रदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना बेहद जरूरी है। आम जनता को सही जानकारी देकर ही नेत्रदान आंदोलन को जनांदोलन में बदला जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि मृत्यु के 6 घंटे के भीतर नेत्रदान संभव है और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग तथा नेत्र बैंकों की टीम हर समय तैयार रहती है।अंत में अधिकारियों ने आह्वान किया कि प्रत्येक नागरिक “दृष्टि का उपहार” देने के इस अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे और समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने में सहयोग करे।
