मसौली में अधिवक्ता चैंबर का शुभारंभ : गरीबों को मुफ्त कानूनी सेवा और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का संकल्प
मसौली में अधिवक्ता चैंबर का शुभारंभ : गरीबों को मुफ्त कानूनी सेवा और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का संकल्प
बाराबंकी न्याय केवल किताबों में नहीं, बल्कि गरीब की झोपड़ी तक पहुँचना चाहि इसी सोच को साकार करते हुए मसौली में अधिवक्ता चैंबर का उद्घाटन हुआ। यह चैंबर उन असहाय और गरीब लोगों की उम्मीद बनेगा, जो अब तक आर्थिक तंगी और जानकारी के अभाव में न्याय और सरकारी योजनाओं से वंचित रहे।बार अध्यक्ष नरेंद्र वर्मा ने फीता काटकर अधिवक्ता चैंबर का उद्घाटन किया और हमारा मकसद है कि अब कोई गरीब केवल इसलिए न्याय से वंचित न रहे कि उसके पास वकील की फीस देने के पैसे नहीं हैं। यह चैंबर गरीबों के लिए समर्पित रहेगा और उन्हें मुफ्त कानूनी सेवा तथा सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का केंद्र बनेगा।कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थिति उद्घाटन समारोह में क्षेत्र के प्रतिष्ठित अधिवक्ता और सामाजिक हस्तियां मौजूद रहीं। वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद रेहान मुस्तफा, आनंद कुमार दीक्षित, एडवोकेट मोहम्मद रिजवान, एडवोकेट मोहम्मद अजहर, एडवोकेट रंजीत सिंह रावत, एडवोकेट मोहित, एडवोकेट शुभम वर्मा ने भाग लेकर कार्यक्रम को विशेष बनाया।पत्रकारिता जगत से *वरिष्ठ पत्रकार नूर मोहम्मद*, श्रवण चौहान, पत्रकार शिवम सिंह, अरशद, रिज़वान अहमद की मौजूदगी ने आयोजन की महत्ता और बढ़ा दी।साथ ही, कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष सरवन रावत, पासी समाज के वरिष्ठ नेता सूरज सिंह रावत, वरिष्ठ किसान नेता राजेश वर्मा, प्रियांशु और कल्लू सहित कई प्रमुख हस्तियां भी गवाह बनीं।गरीबों और वंचितों के लिए नई उम्मीद चैंबर से जुड़े अधिवक्ताओं ने संकल्प लिया कि यहाँ से गरीब और जरूरतमंदों को हर संभव कानूनी सहायता दी जाएगी। “कानून तब तक अधूरा है जब तक उसकी रोशनी गरीब की झोपड़ी तक न पहुँचे इस संदेश को आगे बढ़ाते हुए वकीलों ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि कोई भी परिवार न्याय या सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे।समाज के लिए अनुकरणीय पहल यह अधिवक्ता चैंबर सिर्फ एक कार्यालय नहीं, बल्कि इंसाफ और इंसानियत का प्रतीक बनकर उभरेगा। जिस तरह डॉक्टर गरीबों का मुफ्त इलाज करके इंसानियत निभाते हैं, उसी तरह यह चैंबर कानून की दुनिया में गरीबों का सहारा बनेगा न्याय का असली मतलब तभी पूरा होता है जब कमजोर और असहाय को भी वही हक मिले जो ताकतवर को मिलता है कार्यक्रम का समापन आपसी भाईचारे और सेवा की भावना के बीच हुआ। सभी उपस्थित जनों ने इसे समाज के लिए एक मिसाल बताते हुए कहा कि यह पहल न सिर्फ मसौली, बल्कि पूरे क्षेत्र में न्याय और समानता की नई रोशनी जगाएगी।
