रामलीला महोत्सव में सीता हरण लीला का मंचन किया गया।
बीसलपुर तहसील के गांव न्यूरानपुर मढ़ी पर चल रहे रामलीला महोत्सव में गुरुवार को सीता हरण लीला का मंचन किया इस दौरान दिखाया गया- एक सुंदर सोने जैसा मृग माता सीता को दिखाई पड़ता है। उसे देखकर सीताजी भगवान राम से कहती हैं कि हे स्वामी इसे पकड़कर ले आइए। भगवान राम उस मृग को पकड़ने वन में चले जाते हैं मृग आगे आगे भागता है और तीर कमान लेकर भगवान राम उसके पीछे चलते हैं। मौका पाकर भगवान राम बाण चला देते हैं।इससे उसके मुंह से राम-राम की आवाज निकलती है जो कि माता सीता के कानों तक पहुंचती है।इधर, सीता जी लक्ष्मण से कहती है कि है लक्ष्मण मेरे स्वामी किसी संकट में हैं। आप जाकर पता लगाओ, लक्ष्मण जी कहते हैं कि ऐसा नहीं हो सकता तब, सीता जी के कटु वचन बोलने पर लक्ष्मण जी एक रेखा खींचकर कहते हैं कि आप इससे बाहर मत निकलना मैं जाता हूं। इसके भीतर जो भी जाएगा वह भस्म हो जाएगा। इस प्रकार लक्ष्मण वन की ओर चले जाते हैं इधर साधु का वेश धारण कर लंकापति रावण माता सीता के पास आता है और लक्ष्मण रेखा से बाहर आकर भिक्षा देने के लिए कहता है। जैसे ही लक्ष्मण रेखा को लांघ कर माता सीता बाहर आती हैं। वैसे ही रावण अपने असली रूप में आ जाता है। इसके बाद आकाश मार्ग से माता सीता का हरण कर ले जाता है।वहीं रास्ते में जटायु रावण का युद्ध होता है जटायु और रावण जटायु के पंख काट देता है और रावण सीता माता को अपनी लंका ले जाता है इधर श्री राम और लक्ष्मण जब कुटी में वापस आते हैं तो सीता माता को कुटी में नहीं होती है और श्री राम सीता माता की खोज करने लगते है और कहते हैंहे खग मृग हे मधुकर श्रेनी। तुम्ह देखी सीता मृगनैनी सीता हरण का मंचन देख दर्शक भावुक हो गए।रामलीला मेले में दंगल का भी
आयोजन हो रहा है जिसमें पहलवानों ने अपना-अपना दम खम दिखाया