ई रिक्शा चालकों को लेकर क्यूं हो गये आला अधिकारी खामोश क्यूं नहीं चलाया जा रहा है ई रिक्शा चालकों पर अभियान
ई रिक्शा चालकों को लेकर क्यूं हो गये आला अधिकारी खामोश क्यूं नहीं चलाया जा रहा है ई रिक्शा चालकों पर अभियान।
लखनऊ शहर में ई रिक्शा चालकों का आतंक नक्खास चौराहे पर चर्ख चौराहे पर चौंक चौराहे पर लगातार देखने को मिलता है कि ई रिक्शा चालकों का जमावड़ा लगा हुआ दिखाई देता है ,ई रिक्शा चालकों के विरुद्ध अभियान भी चलाया जाता है पर कोई अभियान कुछ दिन के लिए लागू किए जाते हैं उसके बाद सब शांत होता हुआं नजर आता है न तो इनके रूट तय किये जा रहे न तो इनके डाकुमेन्ट की जांच की जा रही है आज पूरे शहर को जाम में उलझाकर रख दिया है यहि नहीं एक एक व्यक्ति के पास चार,चार ई रिक्शा मौजूद हैं कम उम्र के लोग भी धड़ल्ले से दौड़ा रहे ई रिक्शा न तो इनके पास लाइसेंस है न तो इनके पास कोई कागजात आला अधिकारियों को यदि इन्हीं सब रास्तों से निकलना पड़ता है तो ई रिक्शा चालक के जाम में फस फंसा कर निकलना पड़ता है सबसे बड़ी डील परिवहन विभाग की है जो इन लोगो पर लगाम लगाने में असमर्थ हैं वहीं यही ई रिक्शा चालक अपनी ई रिक्शा पर अपने ही मिलने वाले लोगो को सवारी बनाकर बैठा लेते हैं फिर कोई कमजोर हो या पैसे वाली सवारी को बैठाकर सून सान रास्तों पर अपने ई रिक्शा पर ले जाकर उनके साथ लूट पात करते ऐसी लूट की घटनाओं की ऐसी कितनी खबरे अखबार की सुर्खियों में छपी है पर कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा है कोई भी आला अधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है जबकि ये आदेश लागू किया गया था के अपने ई रिक्शा पर अपना नाम पता अपना मोबाइल नंबर डालकर अपने ई रिक्शा को सड़कों पर नहीं तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी पर इस आदेश को भी दर किनार करके चला रहे हैं ई रिक्शा कुछ लोग ई रिक्शा फाइनेंस कंपनी खोलकर रक्खे हुए हैं 30/से/60/ हाजार देकर ई रिक्शा निकालों आटियो के आलाधिकारी को चाहिए और के जब तक पूरे कागजात कमपिलिट न हो आटियो से तब तक ई रिक्शा न सौंपा जाए तो शायद इनकी बढ़ती हुई आबादी कम हो जाएगी आज ये लोग से बाग बे प्रवाह हो गये है ये इन्हीं ई रिक्शा चालकों के कारण ऐम्बुलेंस में मरीज़ को ले जाने में समय लगता है और मरीज दम तोड़ देता है कारण ई रिक्शा चालकों का चौंक और नक्खास चौराहे से कुछ दूरी का रास्ता है मेडिकल कॉलेज हास्पिटल का आज इन लोगो पर शिकंजा नहीं कसा गया तो पैदल चलने वाले लोगो को भी रास्ता नहीं मिलेगा।