उप जिला अधिकारी महोदय डुमरियागंज त्रिभुवन सिंह: तहसील डुमरियागंज अंतर्गत दीवानी न्यायालय बनाए जाने के दृष्टिगत जिला जज महोदय सिद्धार्थनगर के निर्देश पर सिविल जज जूनियर डिविजन डुमरियागंज द्वारा राज्य सरकार की 18 एकड़ संपत्ति का निरीक्षण किया गया और सहमति व्यक्त की गई अवगत कराया गया कि जिलाधिकारी महोदय का पत्र प्राप्त होने पर जिला जज महोदय द्वारा भी निरीक्षण जल्द ही किया जाएगा। तहसील डुमरियागंज के अधिवक्ताओं की मांग पर तहसील के समीप दीवानी न्यायालय बनाए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
उप जिला अधिकारी महोदय डुमरियागंज त्रिभुवन सिंह: तहसील डुमरियागंज अंतर्गत दीवानी न्यायालय बनाए जाने के दृष्टिगत जिला जज महोदय सिद्धार्थनगर के निर्देश पर सिविल जज जूनियर डिविजन डुमरियागंज द्वारा राज्य सरकार की 18 एकड़ संपत्ति का निरीक्षण किया गया और सहमति व्यक्त की गई अवगत कराया गया कि जिलाधिकारी महोदय का पत्र प्राप्त होने पर जिला जज महोदय द्वारा भी निरीक्षण जल्द ही किया जाएगा। तहसील डुमरियागंज के अधिवक्ताओं की मांग पर तहसील के समीप दीवानी न्यायालय बनाए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
(1)तहसील डुमरियागंज अंतर्गत परिवहन स्टैंड डुमरियागंज के पीछे राजस्व ग्राम माली मैंनहा में लगभग 18 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है जिस पर दीवानी न्यायालय बनाए जाने हैं हेतु जिलाधिकारी महोदय को पत्र प्रेषित किया गया है ।यह जमीन तहसील बार एसोसिएशन डुमरियागंज की मांग पर उपलब्ध कराई गई है।
(2) यह भूमि स्वतंत्रता पूर्व एवं स्वतंत्रता के पश्चात द जानसन एग्रीकल्चर स्कूल अंग्रेजों के नाम से रही है जिसे लगभग सन 1976 में गलत तरीके से पीपुल्स इंटर कॉलेज डुमरियागंज के नाम से करा ली गई थी । जिसे निरस्त कर निरस्त कर उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की संपत्ति घोषित किया गया है।
( 3 )ब्रिटिश हुकूमत की समाप्ति के पश्चात समस्त ब्रिटिश संपत्तियां राज्य सरकार में निहित हो गई थी परंतु उक्त भूमि राजस्व अभिलेखों में राज्य सरकार में निहित होने से छूट गई थी।जिसका लाभ लेकर पीपुल्स इंटर कॉलेज ने अपने नाम करा लिया था ,जिसे निरस्त कर राज सरकार की संपत्ति घोषित किया गया है।
( 4) इस भूमि से डुमरियागंज का ऐतिहासिक गौरव संबंधित है ।इसी भूमि पर प्रथम स्वतंत्रता संघर्ष 1857 में लड़ा गया था जिसमें एक अंग्रेज अधिकारी की मौत हो गई थी और कई भारतीय शहीद हुए थे। इस भूमि को पुनः रा्य सरकार उत्तर प्रदेश मे निहित कर दिया गया है ।इससे शहीदों की सस्मृति के साथ प्रथम स्वतंत्रता संघर्ष का इतिहास भी जीवित रहेगा और पर्यटन का केंद्र बनेगा। दीवानी न्यायालय बनाने के लिए भी जमीन उपलब्ध हो जाएगी।
उप जिला अधिकारी महोदय डुमरियागंज त्रिभुवन सिंह: (1) तहसील बांसी अंतर्गत राम कुबेर उर्फ बाजा बाबा द्वारा ग्राम मसीना सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर पट्टाधारक ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा था।जिसके दृष्टिगत शांति व्यवस्था बनाए रखने एवं सरकारी जमीन के संरक्षण हेतु पांच ₹500000 की दो जमानती दाखिल करने हेतु राम कुबेर उर्फ बाजा बाबा को 107/116 मे नोटिस जारी किया गया है ताकि क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अवैध दावा किसी के द्वारा प्रस्तुत न किया जा सके। साथ ही गरीब पट्टे धारकों को जमीन का धंधा करने वाले लोग अनावश्यक परेशान न कर सके।
(2)संज्ञा नित हुआ है कि राम कुबेर उर्फ बाजा बाबा द्वारा चकबंदी विभाग से सरकारी भूमि पर अवैध नाम चढ़ाकर और कोर्ट प्रक्रिया का अनुचित लाभ लेकर तथा फर्जी इंद्राज करा कर सरकारी भूमि को हथियाने का प्रयास किया है, यह जमीने ग्राम मस्जिद दिया , नदया,मसीना खास आदि गांव में मौजूद है। साथ ही तहसील बांसी के बॉर्डर क्षेत्र जिला बस्ती में भी सरकारी भूमि से हेराफेरी की शिकायतें प्राप्त होना बताया गया है। इसलिए तहसीलदार बासी को निर्देशित किया गया है कि राम कुबेर उर्फ बाजा बाबा की उक्त गांव में जांच कर स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि एंटी भू माफिया अंतर्गत मुकदमा दर्ज करते हुए गुंडा गैंगस्टर आदि अधिनियम में म कार्रवाई की जा सके।
(3)ग्राम मसीना के गरीब किसानों द्वारा अवगत कराया गया कि राम कुबेर उर्फ बाजा बाबा द्वारा लाइसेंसी बंदूक लेकर जमीन का धंधा करने वाले लोगों को जमीन कब्जा करने की नियत से कुछ दिन पूर्व प्रयास किया गया। थानाध्यक्ष पथरा एवं थाना कोतवाली बांसी को निर्देशित किया गया है कि राम कुबेर उर्फ बाजा बाबा के विरुद्ध आज तक दर्ज मुकदमों की सूची प्रस्तुत करें।साथ ही नियमानुसार बंदूक लाइसेंस स्तरीकरण की कार्रवाई हेतु जिलाधिकारी महोदय को प्रेषित करें।